रजरप्पा : रैयत विस्थापित मोरचा ने रजरप्पा प्रोजेक्ट की खदान को पूर्णत: बंद करा दिया था. इससे कंपनी को लाखों रुपये की क्षति का अनुमान है.
जानकारी के अनुसार, डठवाटांड़, चिलमटुंगरी, कोइहारा, भुचूंगडीह विस्थापित मोरचा के दर्जनों लोग पारंपरिक हथियार लेकर खदान, वाशरी व वेशवर्क शॉप पहुंचे और काम को बंद करा दिया. उधर, विस्थापितों ने महाप्रबंधक कार्यालय को भी बंद करा दिया और मजदूरों को घुसने नहीं दिया.
विस्थापितों ने सेक्शन दो, तीन में पहुंच कर कोयला उत्पादन व संप्रेषण को बंद करा दिया. इसके कारण प्रथम व द्वितीय पाली में काम ठप हो गया. विस्थापितों का कहना था कि सीसीएल द्वारा मुआवजा, नौकरी नहीं दी जा रही है.
जब तक मांगों को नहीं माना जायेगा, तब तक आंदोलन किया जायेगा. बंद कराने में मगन मरांडी, महेश्वर, जीतराम मरांडी, सूरजलाल टुडू, पाचाराम मुमरू, सुशील, प्रयाग मुमरू, राजेश कुमार मुमरू, रामदेव मांझी, सुरेश मांझी, अजय मांझी, समतराम मरांडी, उमेश रवि, कलाचंद सोरेन, वीर मुमरू, रामदेव, कपिल मांझी, चरकु मांझी, रामदास मांझी, बागो मांझी आदि शामिल थे.