फर्जी कागजात पर हो रही है ठेकेदारी, कैसे होगा विकास
खूंटी : जिला में दर्जनों बड़ी योजनाएं लंबित हैं. कही संवेदक सुरक्षा की कमी का रोना रो रहे हैं, तो कहीं संसाधन नहीं होने की वजह से ठेकेदार समय पर काम पूरा नहीं करा पा रहे हैं. जिले में फर्जी कागजात पर ठेका लिया जा रहा है. ठेकेदार के पास न तो सड़क बनाने के […]
खूंटी : जिला में दर्जनों बड़ी योजनाएं लंबित हैं. कही संवेदक सुरक्षा की कमी का रोना रो रहे हैं, तो कहीं संसाधन नहीं होने की वजह से ठेकेदार समय पर काम पूरा नहीं करा पा रहे हैं. जिले में फर्जी कागजात पर ठेका लिया जा रहा है. ठेकेदार के पास न तो सड़क बनाने के लिए पर्याप्त उपकरण हैं और न ही वाहन. यहां तक कि ठेकेदारों के पास टर्न ओवर व जरूरी पेमेंट का प्रमाण पत्र भी नहीं है. ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराये गये कागजातों की सही तरीके से जांच नहीं की जाती है.
* ठेकेदार तंगहाल, काम करोड़ों का : उपकरण, पूंजी व अनुभव की कमी के बावजूद सेटिंग–गेटिंग कर ठेकेदार करोड़ों रुपये का काम हासिल कर लेते हैं. काम शुरू करने के लिए उन्हें इधर–उधर से सामान व पूंजी का इंतजाम करते हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि तुरंत मेटेरियल व उपकरण खरीद सके. नतीजतन समय पर गुणवत्ता युक्त काम नहीं हो पाता है.
* जांच से हो सकता है बड़ा खुलासा : ग्रामीण क्षेत्रों में हुए कार्यो की यदि जांच करायी जाये, तो बड़ा खुलासा हो सकता है.