घाटे में एनके एरिया

* अस्तित्व में आने के बाद पहली बारडकरा : अस्तित्व में आने के बाद पहली बार एनके एरिया पिछले वित्तीय वर्ष में घाटे में रही. सीसीएल को प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रुपये का मुनाफा देने वाली एनके एरिया का घाटे में जाना सभी के लिए चिंता का विषय बन गया है. वित्तीय वर्ष 2012-13 में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:33 PM

* अस्तित्व में आने के बाद पहली बार
डकरा : अस्तित्व में आने के बाद पहली बार एनके एरिया पिछले वित्तीय वर्ष में घाटे में रही. सीसीएल को प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रुपये का मुनाफा देने वाली एनके एरिया का घाटे में जाना सभी के लिए चिंता का विषय बन गया है. वित्तीय वर्ष 2012-13 में एरिया को कितना नुकसान हुआ है, इसका वास्तविक आंकड़ा अभी तक पता नहीं चल पाया है.

वहीं सूत्रों का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में एरिया को लगभग तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सूत्रों ने बताया कि सिर्फ केडीएच 35 करोड़ और पुरनाडीह 15 करोड़ केमुनाफे में रही है. चुरी, डकरा और रोहिणी परियोजना को हुए नुकसान ने केडीएच और पुरनाडीह के मुनाफे को ढक दिया है.

चालू वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस घाटे को कैसे पाटा जाये, इसको लेकर एरिया से लेकर मुख्यालय तक के अधिकारी कई तरह की योजना बनाने लगे हैं. इसके लिए सबसे पहले एनके एरिया के कामगारों का संडे और पेड होली-डे बंद करने पर विचार हो रहा है. बताया जा रहा है कि इस दोनों मद में सलाना लगभग 20 से 25 करोड़ रुपये का भार एरिया को उठाना पड़ता है.

चार मई को सीसीएल मुख्यालय में जीएम को-ऑर्डिनेशन की मीटिंग में संडे और पेड होल-डे बंद करने के निर्णय पर सहमति बन सकती है. इसी सहमति के आधार पर दोनों सुविधा बंद करने का पत्र महाप्रबंधक द्वारा निकाला जा सकता है. इन दोनों सुविधा को बंद करने की चर्चा मात्र से ही क्षेत्र की ट्रेड यूनियन की राजनीति में सुगबुगाहट शुरू हो गयी है.

वित्तीय वर्ष 2001-02 में महाप्रबंधक एनपी सिंह के कार्यकाल में जब कामगारों का संडे को डबल से सिंगल किया गया था, तब एरिया ने एक बहुत बड़ा आंदोलन ङोला था. उस समय लगातार 15 संडे तक मजदूरों ने कोई काम नहीं किया था.

* अधिकारियों की सुविधा में कटौती हो : अंसारी
डकरा : सीसीएल अधिकारियों के अफसरशाही और लापरवाह कार्यशैली के कारण एनके एरिया को पिछले वित्तीय वर्ष में नुकसान हुआ है. सबसे पहले जवाबदेह अधिकारियों पर कार्रवाई हो. उनकी सुविधाओं में कटौती की जाये. उक्त मांग मजदूर नेता सह खलारी प्रखंड राजद अध्यक्ष इस्माइल अंसारी ने सीसीएल सीएमडी से की है. उन्होंने महाप्रबंधक से उक्त मुद्दे पर बैठक बुला कर चर्चा करने का भी आग्रह किया है.

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