डकरा : सीसीएल प्रबंधन और ठेकेदार के गंठजोड़ ने ठेका मजदूरों की हालत बंधुआ मजदूर जैसी कर दी है. अगर 10 सितंबर तक कोल इंडिया द्वारा जो वेतन समझौता हुआ है, उसके अनुसार वेतन नहीं दिया जाता है, तो 12 सितंबर से हड़ताल का शंखनाद किया जायेगा. ये बातें एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने कही.
वे मंगलवार को एटक यूनियन कार्यालय में मजदूरों की सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया में जिस समय सात लाख संगठित मजदूर कार्यरत थे, उस समय कोयला उत्पादन ठीक ढंग से नहीं हो पाता था, जबकि आज साढ़े तीन लाख मजदूर कार्यरत हैं, तो पहले की अपेक्षा ज्यादा उत्पादन हो रहा है.
ये उत्पादन ठेका मजदूरो की बदौलत ही कोल इंडिया हासिल कर रही है. मजदूरों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि 24 अगस्त को भुरकुंडा में बैठक कर प्रबंधन को नोटिस दिया जायेगा.
नियम अनुसार मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी और एरियर का भुगतान करना होगा. मौके पर यूसीडब्ल्यूयू के महामंत्री लखन लाल महतो ने कहा कि हमारा संगठन मजदूर हित के लिए हमेशा से आगे आता रहा है, लेकन कुछ लोग इसे कमजोर करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल में चट्टानी एकता का परिचय दें.
इस अवसर पर प्रेम कुमार, एसएन सिंह, गुप्ता प्रसाद सिंह, कृष्णा चौहान, संजय यादव, शंकर चौहान, एमएस चौहान, रामप्रवेश चौहान व भिखारी सतनामी आदि सहित काफी संख्या में संगठित व असंगठित मजदूर मौजूद थे.