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हाथी ने वृद्ध को मार डाला

गोला/सोनडीमरा : गोला वन क्षेत्र के हेसल गांव में सोमवार की रात हाथी ने एक व्यक्ति को कुचल कर मार दिया. सुकर बेदिया (60 वर्ष) सुबह शौच के लिए जा रहा था, इस बीच छोटा लादेन नामक हाथी ने उसे सूढ़ से उठा कर पटक दिया और कुचल दिया. इससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही […]

गोला/सोनडीमरा : गोला वन क्षेत्र के हेसल गांव में सोमवार की रात हाथी ने एक व्यक्ति को कुचल कर मार दिया. सुकर बेदिया (60 वर्ष) सुबह शौच के लिए जा रहा था, इस बीच छोटा लादेन नामक हाथी ने उसे सूढ़ से उठा कर पटक दिया और कुचल दिया. इससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.

उधर घटना की खबर पाकर वन विभाग के अधिकारी पुलिस पहुंची. इस बीच उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. इस बीच ग्रामीणों ने वन अधिकारी मनीकांत चौधरी को घंटों घेरे रखा. लोगों का कहना था कि हाथी से अबतक इस गांव के महावीर बेदिया, झलु करमाली, सुकर बेदिया लोगों की मौत हो चुकी है.

काफी समझाने के बाद सुकर बेदिया के परिजन मुआवजा लेने के लिए राजी हुए. तत्पश्चात वन विभाग द्वारा 25 हजार रुपया मुआवजा दिया गया.

इसके बाद शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. सुकर की मृत्यु पर परिजनों का रोरोकर बुरा हाल था. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से इस क्षेत्र में आधा दर्जन हाथी विचरण कर रहे थे, लेकिन वन विभाग द्वारा इन्हें भगाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा था.

अधिकारियों के लापरवाही के कारण इसकी मौत हुई. इससे 20 दिन पूर्व गोविंदपुर के खैराटोला निवासी माधव महतो को हाथी मौत के घाट उतार चुके है. बावजूद इसके वन विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुली है.

फसलों को रौंदा

हाथियों ने कामेश्वर बेदिया, सुरजनाथ बेदिया, लालु सोरेन, गोवर्धन बेदिया, रामाश्रय बेदिया, मंगरु बेदिया, बुधु बेदिया, भरत बेदिया, कार्तिक बेदिया सहित कई लोगों के खेतों में लगे मकई, सब्जी आदि फसलों को रौंद दिया. उधर हाथियों के गांव पहुंचने के कारण लोगों में भय व्याप्त है.

घटना के बाद कांग्रेस नेता शहजादा अनवर, कमाल शहजादा, जर्नादन पाठक, जगेश्वर महतो नागवंशी, झामुमो के जीतलाल टुडू, राजमोहन महतो, सोमर बेदिया, कपिल महतो आदि ने वन विभाग से मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा एवं ग्रामीणों के जानमाल की सुरक्षा करने की मांग की है.

अब तक इनकी हुई मौत

पिछले एक दशक के दौरान हाथी 26 लोगों को मार चुके हैं. जबकि दर्जनों लोगों को भी घायल कर चुके है एवं हजारों किसानों के फसलों को बरबाद किया है.

जनवरी 2003 को बड़की हैंसल के महावीर बेदिया, 06 अक्टूबर को उड़ु साडम के प्रसाद मांझी, 22 दिसंबर 2003 को हुल्लू के अमित महतो गंगाधर महतो, 28 जून 2004 को चोकड़बेड़ा के कानू बेदिया, 03 अगस्त 2004 को कोरांबे के सुभाष मल्हार, 03 जनवरी 2005 को अजय कुमार, 06 जनवरी 2005 को पूरबडीह के बुधू करमाली संग्रामपुर के जैगुन निशा, 14 सितंबर 2005 को दिलीप भगत, 14 अक्टूबर 2006 को डुंडीगाछी के आलो देवी, 26 दिसंबर 2006 को कोरांबे के श्याम सिंह मुंडा, 21 अक्टूबर 2007 को उलादका नंदलाल महतो, सिंतबर 2010 को उपरबरगा के रोहिन महतो, अप्रैल 2010 को तोपासारा की जगन देवी, 19 मार्च 2012 को साढ़म की मुटरी देवी, 26 मार्च 2012 को माचाटांड़ के अघनु बेदिया, 16 नवंबर 2012 को संग्रमाडीह के मधु सुदन महतो, 31 जुलाई 2013 को गोविंदपुर खैराटोला निवासी माधव महतो की जान हाथियों ने ली है.

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