डकरा : दामोदर नद को साफ रखने के आदेश की भी अनदेखी हो रही है. सीसीएल के पुरनाडीह परियोजना में कुछ भी नहीं बदला है. पहले की तरह ही खदान का पानी अभी भी नद में जा रहा है.
ज्ञात हो कि पुरनाडीह के सुरेश उरांव द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 29 अगस्त को हाइकोर्ट ने नद को साफ करने का निर्देश सीसीएल को दिया था. इस सुनवाई में एनके महाप्रबंधक भी शामिल हुए थे. इसके बाद भी नद को साफ करने या उसे गंदा होने से रोकने को लेकर प्रबंधन द्वारा फिलहाल कोई पहल नहीं किया गया है.
वहीं दूसरी ओर सोनाडुबी नदी के दोनों किनारे पर मोनेट डेनियल कोल वाशरी द्वारा लाखों टन कोयला जमा कर दिया गया है, जिससे नदी नाली के रूप में बदल गयी है. वाशरी का पानी भी दामोदर नद में ही मिल रहा है.
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मोनेट डेनियल कोल वाशरी ने कोयले का स्टॉक खाली करना शुरू कर दिया है. कोर्ट द्वारा कोयला उठाने की समय सीमा छह हफ्ते तय की गयी है. बताया जा रहा है कि वाशरी के आसपास जितना बड़ा कोयले का भंडार है, उसे छह हफ्ते में खाली करना मुश्किल लग रहा है.