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माह 28 का, रिपोर्ट थमायी 29 की
हाल सदर अस्पताल का रिपोर्ट गलत होने की वजह से दर दर भटक रहा है पीड़ित रांची : राजधानी के सदर अस्पताल में ऐसे कारनामे होते हैं, जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती है. चिकित्सकों को वर्ष व महीना में कितने दिन होते हैं, इसका पता तक नहीं रहता है. जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर […]
हाल सदर अस्पताल का
रिपोर्ट गलत होने की वजह से दर दर भटक रहा है पीड़ित
रांची : राजधानी के सदर अस्पताल में ऐसे कारनामे होते हैं, जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती है. चिकित्सकों को वर्ष व महीना में कितने दिन होते हैं, इसका पता तक नहीं रहता है. जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते समय उन्हें यह सुध नहीं रहती है कि महीने में कितने दिन हैं.
ऐसा ही एक मामला रांची सदर अस्पताल में सामने आया है. कुछ दिनों पहले रांची सदर अस्पताल ने न्यायालय के आदेश पर जांच के बाद एक मेडिकल रिपोर्ट जारी की है, जिसमें फरवरी माह को 29 दिनों का बताया है. फरवरी में इस वर्ष 28 दिनों का माह है. रिपोर्ट गलत होने पर पीड़ित दर-दर भटक रहा है. रिपोर्ट की सत्यता पर भी सवाल उठने लगा है. यह रिपोर्ट रांची सिविल सजर्न डॉ गोपाल श्रीवास्तव द्वारा जारी की गयी है.
पहले कहा नहीं होती है जांच अचानक थमा दी गयी रिपोर्ट
पीड़िता के परिजनों ने बताया कि शादी के बाद बच्च नहीं होने पर लड़के वालों ने लड़की में खराबी बतायी.नौबत यहां तक आ गयी कि अस्पताल में दंपति का स्वास्थ्य परीक्षण कराना पड़ गया. इस बीच मामला न्यायालय में चला गया. न्यायालय के आदेश पर लड़के को नपुंसकता की जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया. पहले तो अस्पतालवालों ने यह कह दिया कि यहां ऐसी जांच की सुविधा नहीं है.
दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया. तीन माह बाद जब लड़की के परिजन दुबारा सदर अस्पताल आये, तो उन्हें लड़के की जांच रिपोर्ट थमा दी गयी. रिपोर्ट में लड़के में कोई कमी नहीं पायी गयी. इधर, रिपोर्ट पर इसलिए सवाल उठने लगा, क्योंकि उसमें 29 फरवरी दर्ज था. लड़की के परिजनों ने लड़के की जांच अन्य बड़े संस्थान में कराने का आग्रह किया है.
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