दहशत में रहे परिजन, पुलिस परेशान, आरटीसी स्कूल से बच्चों को नक्सलियों की ओर से उठाने की अफवाह
रांची/सिल्ली : नक्सलियों की ओर से मुरी के स्कूलों में पोस्टर चिपकाये जाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि शुक्रवार को सिल्ली के आरटीसी स्कूल के कुछ बच्चों को नक्सलियों द्वारा उठा ले जाने की अफवाह से इलाके में दहशत का माहौल कायम हो गया. अभिभावक भयभीत हो गये, वहीं पुलिस की परेशान […]
रांची/सिल्ली : नक्सलियों की ओर से मुरी के स्कूलों में पोस्टर चिपकाये जाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि शुक्रवार को सिल्ली के आरटीसी स्कूल के कुछ बच्चों को नक्सलियों द्वारा उठा ले जाने की अफवाह से इलाके में दहशत का माहौल कायम हो गया. अभिभावक भयभीत हो गये, वहीं पुलिस की परेशान हो गयी.
जानकारी के अनुसार दिन करीब 12 बजे बाजार में अचानक किसी ने अफवाह फैला दी कि आरटीसी स्कूल से नक्सली दो बच्चों को जबरन उठा कर ले गये हैं. सूचना मिलते ही अभिभावक भागे-भागे अपने-अपने बच्चों को देखने के लिए स्कूल पहुंचे. इतना ही नहीं, सरस्वती शिशु मंदिर, डीएवी पब्लिक स्कूल, संत माइकल स्कूल और आदित्य बिड़ला हाइ स्कूल समेत सभी स्कूलों में अभिभावक पहुंच गये.
इस वजह से स्कूलों में जल्द ही छुट्टी दे दी गयी. आरटीसी स्कूल के प्रधानाध्यापक तुलसी दास ने जब अभिभावकों को आश्वस्त किया कि उनके स्कूल से किसी बच्चे को नक्सली नहीं ले गये हैं, तब जाकर अभिभावकों को राहत मिली.
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मुरी ओपी क्षेत्र के तीन स्कूलों आरटीसी, संत माइकल और प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय की दीवार पर नक्सली के नाम पर पोस्टर चिपका कर संगठन के लिए 10 लड़कों और 10 लड़कियों की मांग की गयी है. ऐसा नहीं करने पर स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी गयी है.
पोस्टर में नक्सली कुंदन पाहन को संगठन का अध्यक्ष बताते हुए यह एलान कृष्ण कुमार महतो ने किया है. पुलिस का मानना है कि स्कूल के किसी शरारती बच्चे का यह काम है. घटना के बाद से ही बच्चों के परिजन दहशत में है.
बच्चों को परेड करानी पड़ी
नक्सलियों द्वारा आरटीसी स्कूल के बच्चों को ले जाने की अफवाह से मुरी एवं सिल्ली थाना पुलिस भी परेशान हो गयी. पुलिस को स्कूलों में जाकर बच्चों के अभिभावकों को समझाया गया. स्थिति यह हो गयी कि आरटीसी स्कूल के प्रबंधन को अभिभावकों के सामने बच्चों की परेड करानी पड़ी.
जब अभिभावकों ने बच्चों को अपने नजर से सुरक्षित देखा, तब वे शांत हुए. हालांकि कुछ अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन के सामने अपने बच्चों को हॉस्टल से घर ले जाने की इच्छा जाहिर की, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने मना कर दिया.