मनमाने ढंग से बालू का उठाव
टंडवा : टंडवा में बालू घाट से अवैध रूप से हो रहे बालू उठाव के कारण सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है. टंडवा नदी से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर बालू निकाला जाता है. जिसका उपयोग भवन निर्माण समेत सरकारी कार्यो में किया जाता है. वहीं ट्रकों से बालू बाहर भी भेजा […]
टंडवा : टंडवा में बालू घाट से अवैध रूप से हो रहे बालू उठाव के कारण सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है. टंडवा नदी से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर बालू निकाला जाता है. जिसका उपयोग भवन निर्माण समेत सरकारी कार्यो में किया जाता है.
वहीं ट्रकों से बालू बाहर भी भेजा जाता है. पर अब तक बालू घाट की नीलामी नहीं होने से सरकार को हर रोज नुकसान उठाना पड़ रहा है. टंडवा के अलावे प्रखंड की प्रमुख नदियों से भी बेरोक–टोक बालू का उठाव किया जा रहा है. पर इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है.
न ही इस पर कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है. इस बाबत भाजपा मंडल अध्यक्ष मिथिलेश गुप्ता का कहना है कि टंडवा से बालू बाहर भी भेजा जा रहा है. सरकार को बालू घाट पंचायत के हाथ में सौंप देना चाहिए, ताकि इससे प्राप्त आय से पंचायत का विकास हो सक़े
बालू उठाव से कटाव की समस्या : टंडवा नदी से मनमाने ढंग से बालू का उठाव एक समस्या बनती जा रही है. जहां–तहां से बालू उठाने से नदी का कटाव बढ़ता जा रहा है. जिससे नदी किनारे बसे लोगों को चिंता सताने लगी है. नदी का कटाव बढ़ने से आनेवाले समय में बाढ़ का पानी शहर में घुस जायेगा.
जिससे घरों के धराशायी होने का खतरा बना रहेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि बालू उठाव को लेकर नीति–निर्धारण नहीं की गयी, तो आनेवाले समय में यह एक विकराल समस्या बन जायेगी.
जुआरियों का अड्डा बना मिश्रौल बाजार
टंडवा. प्रखंड का मिश्रौल बाजार इन दिनों जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. बाजार के आस–पास एकांत स्थान में जम कर जुआ का धंधा चल रहा है. इसके दलदल में युवा भी चले जा रहे हैं. ज्ञात हो कि बीते वर्ष एक उग्रवादी संगठन ने जुआरियों की पिटाई की थी. साथ ही जुआ नहीं खेलने की चेतावनी दी थी.
वृद्धा पेंशन शिविर 28 को
टंडवा. प्रखंड मुख्यालय में 28 अक्तूबर को वृद्धा पेंशन शिविर लगाया जायेगा. शिविर में वृद्धा पेंशन की स्वीकृति दी जायेगी. शिविर में जिला व प्रखंड के कई अधिकारी मौजूद रहेंग़े