ढाक के बिना अधूरी है दुर्गा पूजा

खूंटी : दुर्गा पूजा में ढाक का विशेष महत्व है. इसके बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है. पूजा शुरू होने से पहले ही हर साल बांकुड़ा व पुरूलिया से ढाक बजाने वाले खूंटी आ जाते हैं. बेलवरण से पूजा की शुरुआत होने के साथ ही ढाक की आवाज से माहौल भक्ति हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2015 8:21 AM
खूंटी : दुर्गा पूजा में ढाक का विशेष महत्व है. इसके बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है. पूजा शुरू होने से पहले ही हर साल बांकुड़ा व पुरूलिया से ढाक बजाने वाले खूंटी आ जाते हैं. बेलवरण से पूजा की शुरुआत होने के साथ ही ढाक की आवाज से माहौल भक्ति हो जाता है.
इस परंपरा की शुरुआत सैकड़ों वर्ष पूर्व बंगाल में हुई थी. हरि मंदिर समेत अन्य पूजा पंडालों में ढाक बाजा मंगाया जाता है. ढाक बजानेवाले दल में चार से पांच लोग रहते हैं. झालदा से आये पूरन ने बताया कि वे कई साल से खूंटी में ढाक बजाने आ रहा हैं. यहां से होनेवाली आमदनी से पिरवार के लिए कपड़े की खरीदारी करते हैं. ढाकियों को पूजा समिति से सम्मानजनक रकम मिल जाती है. रहने व खाने तक का इंतजाम भी समिति करती है.

Next Article

Exit mobile version