ओके:::आय वृद्धि का बेहतर माध्यम है मत्स्य पालन

ओके:::आय वृद्धि का बेहतर माध्यम है मत्स्य पालनफोटो 1खूंटी़ जिला में मछली पालन की काफी संभावनाएं है. मत्स्य पालन को रोजगार के रूप में अपना कर ग्रामीण अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. सरकार इस दिशा में योजना चला रही है, लेकिन अधिकतर किसान इससे अनभिज्ञ हैं़ सामूहिक बीमा योजना : योजना में वैसे सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2015 8:36 PM

ओके:::आय वृद्धि का बेहतर माध्यम है मत्स्य पालनफोटो 1खूंटी़ जिला में मछली पालन की काफी संभावनाएं है. मत्स्य पालन को रोजगार के रूप में अपना कर ग्रामीण अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. सरकार इस दिशा में योजना चला रही है, लेकिन अधिकतर किसान इससे अनभिज्ञ हैं़ सामूहिक बीमा योजना : योजना में वैसे सभी सक्रिय मछली पालकों को लाभ पहुंचाना है, जो किसी भी निबंधित मत्स्य जीवी सहयोग समिति या मत्स्य जीवी स्वावलंबन समिति के सदस्य हों. योजना के तहत मछली पालक की मृत्यु होने पर आश्रित को एक लाख अथवा स्थायी आंशिक अपंग होने पर 50 हजार रुपये मुआवजा मिलता है.मत्स्य कृषण प्रशिक्षण : मछली पालकों को किसान प्रशिक्षण केंद्र धुर्वा, रांची द्वारा दो दिवसीय एवं पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है़ प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को दैनिक भत्ता तथा आने जाने का खर्च भी दिया जाता है.मछुवा आवास योजना : गरीब एवं कच्चे मकान वाले सक्रिय मछुवारा बहुल इलाके में सामूहिक रूप से दस या इससे अधिक घर निर्माण कराने की योजना है, जिसमें प्रति आवास इकाई लागत 50 हजार रुपये का अधिकतम अनुदान है.मत्स्य बीज वितरण : मत्स्य बीज की बिक्री उसकी उम्र के अनुसार निर्धारित दर पर की जाती है़ अनुसचित जाति एवं अनुसचित जनजाति के मत्स्य कृषकों को 20 प्रतिशत का अनुदान भी मिलता है.

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