कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण के तरीकों की जानकारी ली

पिपरवार : कोयला उत्पादन के दौरान वायुमंडल में कार्बन फूट प्रिंट की मात्रा नियंत्रित रखने के भारत सरकार के दावे की जांच करने गुरुवार को नेशनल पब्लिक रेडियो, यूएसए (अमेरिका) की दो सदस्यीय टीम पिपरवार पहुंची. संस्था की चीफ जूली मैकार्थी व सोमा वत्स ने पिपरवार ओपेन कास्ट माइन का मुआयना किया. पिपरवार महाप्रबंधक चरण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2015 2:13 AM
पिपरवार : कोयला उत्पादन के दौरान वायुमंडल में कार्बन फूट प्रिंट की मात्रा नियंत्रित रखने के भारत सरकार के दावे की जांच करने गुरुवार को नेशनल पब्लिक रेडियो, यूएसए (अमेरिका) की दो सदस्यीय टीम पिपरवार पहुंची. संस्था की चीफ जूली मैकार्थी व सोमा वत्स ने पिपरवार ओपेन कास्ट माइन का मुआयना किया. पिपरवार महाप्रबंधक चरण सिंह व परियोजना पदाधिकारी बीपी सिंह ने सदस्यों को कार्बन फूट प्रिंट की मात्रा करने के तरीकों की जानकारी दी.
श्री सिंह ने बताया कि रिक्लेमेशन एरिया में पौध रोपन, कोयला उत्पादन में डीजल की खपत में कटौती व कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोयले के संप्रेषण से कार्बन फूट प्रिंट पर नियंत्रण संभव हो सका है. वर्ष 2010–11 व 12 की तुलना में वर्तमान में कार्बन फूट प्रिंट की मात्रा 10 प्रतिशत कम हुई है, जबकि उत्पादन काफी बढ़ा है.
टीम ने खदान में होनेवाली ब्लास्टिंग, पिपरवार वाशरी तथा पिपरवार माइन परिसर में बने इको पार्क में किये गये पौधरोपण को भी देखा. जानकारी के अनुसार 15 नवंबर को पेरिस में जलवायु परिवर्तन को लेकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होना वाला है, जिसमें कार्बन फूट प्रिंट की मात्रा कम करने पर चर्चा की जायेगी. टीम के साथ सीसीएल हेडक्वार्टर से कैप्टन विक्रांत महथा, जीएस भाठी, एचसी सिंघा, बीएन घोष सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.

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