मुरी : श्मशान काली मंदिर का रास्ता जजर्र
– रोहित – – शिक्षा का अलख जगा रहे हैं दो शिक्षक – उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, बहेराखांड़ मैक्लुस्कीगंज : खलारी प्रखंड अंतर्गत मायापुर पंचायत में स्थित है उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, बहेराखांड़. जंगलों व पहाड़ों के बीच बसा बहेराखांड़ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र भी है. पक्की सड़क से करीब दो किमी पगडंडियों पर चल कर बच्चे बहेराखांड़ […]
– रोहित –
– शिक्षा का अलख जगा रहे हैं दो शिक्षक
– उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, बहेराखांड़
मैक्लुस्कीगंज : खलारी प्रखंड अंतर्गत मायापुर पंचायत में स्थित है उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, बहेराखांड़. जंगलों व पहाड़ों के बीच बसा बहेराखांड़ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र भी है. पक्की सड़क से करीब दो किमी पगडंडियों पर चल कर बच्चे बहेराखांड़ स्थित विद्यालय पहुंचते हैं.
विद्यालय में नियुक्त पारा शिक्षक सामुएल धान व जसिंता मरांडी रोजाना विद्यालय सही समय पर पहुंच कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
बातचीत के क्रम में सामुएल धान ने प्रभात खबर प्रतिनिधि को बताया कि इस विद्यालय से करीब दो सौ मीटर दूर तीन टोले बसे हैं, जहां की आबादी करीब 200 है. वहीं पर एक पेड़ के नीचे वर्ष 2002 में कक्षा लगा कर बच्चों को बढ़ाया जाने लगा. सरकार ने वर्ष 2004 में इसे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय,बहेराखांड़ का रूप दिया. वर्ष 2008-09 में छात्र-छात्राओं के लिए यहां विद्यालय भवन बना.
उस वक्त सिर्फ वही (सामुएल धान) यहां पदस्थापित थे. बाद में जसिंता मरांडी को 2006-07 में सरकार द्वारा यहां नियुक्त किया गया. आज ये दोनों ही बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. फिलहाल विद्यालय में 48 बच्चे नामांकित हैं और लगभग 36 बच्चे रोजाना विद्यालय आते हैं.
यहां से सबसे नजदीक मध्य विद्यालय की दूरी करीब पांच किमी है. श्री धान के अनुसार, यहां मध्याह्न् भोजन (स्कूल समय में) रोजाना मेनू के अनुसार बनता है. विद्यालय में शौचालय है. पीने के पानी के लिए चापानल की व्यवस्था है, लेकिन करीब एक माह से खराब है. इसकी सूचना मुखिया को दे दी गयी है. हालांकि विद्यालय पहुंचने के रास्ते खराब हैं.
बारिश में परेशानी और बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी इंद्र भूषण सिंह एक बार किसी तरह से यहां आये थे और बच्चों की उपस्थिति देख कर प्रसन्नता जाहिर की थी.