ऐसे मेले का काफी महत्व

पिपरवार : कोयलांचल में पहली बार शिल्प व्यापार मेले का आयोजन किया गया है. यह सराहनीय प्रयास है. ग्रामीण परिवेश में इस तरह के मेले का काफी महत्व है. इसमें हस्त शिल्प के कई जरूरत के सामान उपलब्ध हैं. वैसे ग्रामीण महिला-पुरुष जो किसी कारण शहरों तक नहीं पहुंच पाते, उन्हें यहां खरीदारी का बेहतर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2016 7:09 AM
पिपरवार : कोयलांचल में पहली बार शिल्प व्यापार मेले का आयोजन किया गया है. यह सराहनीय प्रयास है. ग्रामीण परिवेश में इस तरह के मेले का काफी महत्व है. इसमें हस्त शिल्प के कई जरूरत के सामान उपलब्ध हैं.
वैसे ग्रामीण महिला-पुरुष जो किसी कारण शहरों तक नहीं पहुंच पाते, उन्हें यहां खरीदारी का बेहतर अवसर मिलेगा. हस्तशिल्प के प्रति लोगों का रूझान बढ़ेगा. इससे भारतीय शिल्प व कुटीर उद्योग का विकास होगा. शिल्पकार अपने सामानों को सीधे उपभोक्ताओं को बेेचेंगे. इसमें बिचौलियों के नहीं रहने से सामानों के दाम बाजार की तुलना में कम होगा. हम इसकी सफलता की कामना करते हैं. बचरा चार नंबर मैदान में आयोजित भारतीय शिल्प व्यापार मेले के औपचारिक उदघाटन के बाद मुख्य अतिथि अशोक पीओ बीपी सिंह ने उक्त बातें पत्रकारों से कही.
इससे पूर्व बीपी सिंह ने धर्मपत्नी उर्मिला सिंह के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर व फीता काट कर मेले का विधिवत उदघाटन किया. मुख्य अतिथि ने मेले में लगे कई स्टॉलों का मुआयना किया.
खरीदारी भी की. गुजराती समाज हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट संस्थान, रांची के सौजन्य से आयोजित मेले के संयोजक संजीव तिवारी ने बताया कि कल से सभी स्टॉलों में बिक्री के लिए सामान उपलब्ध हो जायेगा. यह मेला 13 दिनों तक चलेगा. मेले के पहले ही दिन से विभिन्न स्टॉलों में खरीदारों की भीड़ रही. मौके पर मुखिया रीना देवी, गुंजन कुमारी सिंह, भीम सिंह यादव, रवींद्र कुमार सिंंह, प्रेम सागर मुंडा, मुंद्रिका प्रसाद, एसके चौधरी, सतीश पांडेय, विद्यापति सिंह, राजीव रंजन झा सहित कई पंचायत प्रतिनिधि व श्रमिक प्रतिनिधि मौजूद थे.

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