भाई-बहन के साथ घर लौटे भगवान जगन्नाथ
मिश्रा टोली दुर्गा मंदिर से घुरती रथयात्रा निकली, हजारों लोगों ने खींचा रथ घुरती रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्त बेताब दिखे. खूंटी : वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान जगन्नाथ भाई-बहन के साथ गुरुवार को दुर्गा मंदिर से वापस सीआरपीएफ 94 बटालियन परिसर स्थित मंदिर लौटे. इससे पूर्व दुर्गा मंदिर मिश्राटोली […]
मिश्रा टोली दुर्गा मंदिर से घुरती रथयात्रा निकली, हजारों लोगों ने खींचा रथ
घुरती रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्त बेताब दिखे.
खूंटी : वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान जगन्नाथ भाई-बहन के साथ गुरुवार को दुर्गा मंदिर से वापस सीआरपीएफ 94 बटालियन परिसर स्थित मंदिर लौटे. इससे पूर्व दुर्गा मंदिर मिश्राटोली में विधिवत पूजन-आरती व मंगल घोष के बीच विग्रहों को रथ पर आसीन कराया गया. इस दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. आरती में काफी संख्या में लोग शामिल हुए. छह जुलाई को रथयात्रा पर सीआरपीएफ 94 बटालियन परिसर से विग्रहों को रथारूढ़ कर मिश्रा टोली स्थित दुर्गा मंदिर लाया गया था.
जय-जय जगन्नाथ के जयघोष से गूंजा माहौल : घुरती रथयात्रा को लेकर माहौल भक्तिमय हो गया था. रथ की भव्य सजावट की गयी थी. अपराह्न में एक-एक कर सभी विग्रहों को रथारूढ़ कर शृंगार किया गया. श्री विष्णु सहस्रनाम, स्तोत्रम व जगन्नाथ अष्टम पाठ के बाद पूजा व आरती की गयी. वाहन रूपी रथ में रस्सा बांधा गया. फिर शुरू हुई घुरती रथयात्रा. रथ को खींचने के लिए जवानों व ग्रामीणों में होड़ मची रही. भक्ति गीतों पर जवान झूम रहे थे. घुरती रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्त बेताब दिखे.
शाम छह बजे के करीब सभी विग्रहों को सीआरपीएफ कैंप स्थित मंदिर में लाये जाने के साथ ही रथयात्रा संपन्न हो गया. रथयात्रा के दौरान विशेष रूप से सीआरपीएफ के संबंधित बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी मनोज यादव एवं अनुराग राज, सीएमओ डॉ रवींद्र कुमार, सूबेदार मेजर अजीत अधिकारी, इंस्पेक्टर बालकिशन आदि मौजूद थे.
रस्सी खींचने के लिए मची थी होड़ : रथ को खींचने व रस्सी पकड़ने के लिए लोगों में होड़ मची थी. महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं थीं. वहीं प्रसाद लेने के लिए भी लोग बेताब थे. भक्तों के लिए शरबत की भी व्यवस्था की गयी थी.
सुरक्षा के थे पुख्ता प्रबंध : घुरती रथयात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा की बागडोर सीआरपीएफ के सशस्त्र दस्ते ने संभाल रखी थी. जवान आधुनिक हथियार से लैस थे. ट्रैफिक व्यवस्था भी सीआरपीएफ के जवानों ने खुद संभाला.कैंप में लंगर लगा : सीआरपीएफ 94 कैंप परिसर में दोपहर को लंगर लगा. इसमें करीब 1500 लोगों ने प्रसाद चखा.