खूंटी में नॉलेज सिटी का कार्य शिथिल
अड़चन. निर्माण कार्य कब शुरू होगा, इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है खूंटी : खूंटी में नॉलेज सिटी बनाने की कवायद शुरू हुई थी. मुआवजा देकर कुछ भूमि का अधिग्रहण भी कर लिया गया, पर धरातल पर योजना कब उतरेगी, निर्माण कार्य कब शुरू होगा. इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है. […]
अड़चन. निर्माण कार्य कब शुरू होगा, इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है
खूंटी : खूंटी में नॉलेज सिटी बनाने की कवायद शुरू हुई थी. मुआवजा देकर कुछ भूमि का अधिग्रहण भी कर लिया गया, पर धरातल पर योजना कब उतरेगी, निर्माण कार्य कब शुरू होगा. इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है.
अब तक की प्रगति
केंद्र सरकार से भूमि अध्रिगहणको लेकर सूत्राें के मुताबिक अब तक जिला को 91 करोड़ 10 लाख 93 हजार 295 रुपये प्राप्त हुए. रैयतों के बीच करीब 18 करोड़ से ज्यादा की राशि का वितरण किया जा चुका है. विभाग के मुताबिक नॉलेज सिटी के निर्माण के बाबत 200 एकड़ भूमि का अधिग्रहण अब तक हो चुका है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अब भी जारी है.
योजना एक नजर में
योजना 17 जुलाई 2011 से शुरू हुई. तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने निर्माण स्थल के बाबत भूमि का निरीक्षण भी किया था. नॉलेज सिटी बनने के बाबत रेवा, बिरहू, चिरूहातू , ईदरी के सीमाना में स्थित 404 एकड़ भूमि को चिह्नित किया गया है. फिलहाल सरकार के द्वारा रेवा एवं चिरूहातु की जमीन को नहीं लेने की बात कही जा रही है.
सीएम ने निरीक्षण के वक्त ही तत्कालीन विकासआयुक्त देवाशीष गुप्ता एवं तत्कालीन डीसी खूंटी राकेश कुमार को तीन महीने के अंदर जमीन अधिग्रहण की सभी प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश दिया था. यह भी कहा था कि रैयतों ने जिस उम्मीद के साथ जमीन दी है, वह जरूर पूरा हो.
कितनी जमीन चाहिए
नॉलेज सिटी के लिए विभाग के मुताबिक करीब 850 एकड़ भूमि की जरूरत होगी. इतनी मात्रा में भूमि यहां उपलब्ध है. वर्तमान में जिला प्रशासन को 200 एकड़ (मुआवजा प्रदत्त)भूमि उपलब्ध हो गया है. शेष जमीन के लिए ग्रामीण भूमि देने को तैयार हैं.
क्या-क्या होगा नॉलेज सिटी में
आधुनिक शिक्षा के सभी संस्थान यहां होंगे. यहां मेडिकल, इंजीनियरिंग व तकनीकी कोर्स की पढ़ाई होगी.
नॉलेज िसटी जरूर बनेगा : मंत्री
बड़ी योजनाओं पर तकनीकी अड़चनें व विभागीय प्रक्रिया पूरी करने में समय लगता है. विलंब ही सही पर नॉलेज सिटी जरूर बनेगा. यह मेरी कोशिश हमेशा बनी रहेगी.
वर्तमान स्थिति
योजना की गतिविधि विभाग में साइलेंट मोड में है. जमीन दिये रैयत मुआवजा के लिये भटक रहे हैं. कुछ को जिला प्रशासन पूर्व में ही मुआवजा राशि का भुगतान कर चुका है.