नदियां उफनायीं, नाले भी भरे

तबाही . भारी बारिश से फसल बरबाद, जनजीवन अस्त-व्यस्त खलारी : खलारी में बुधवार को मूसलाधार बारिश से तबाही हुई है. खेतों में लगी धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बुधवार सुबह से ही लगातार बारिश हो रही है. लपरा में बादल फटने जैसी स्थिति थी. वहां के लोगों का कहना है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2016 8:15 AM
तबाही . भारी बारिश से फसल बरबाद, जनजीवन अस्त-व्यस्त
खलारी : खलारी में बुधवार को मूसलाधार बारिश से तबाही हुई है. खेतों में लगी धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बुधवार सुबह से ही लगातार बारिश हो रही है. लपरा में बादल फटने जैसी स्थिति थी.
वहां के लोगों का कहना है कि कई दशक के बाद एक दिन में इतनी बारिश हुई है. आसपास के पहाड़ का पानी खेतों में उतर आया, जिससे खेतों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी. पानी के बहाव के साथ आयी मिट्टी व बालू से धान की फसल दब गये. पानी के तेज बहाव से खेत के मेढ़ टूट गये. हाल के दिनों मे रोपे गये धान पानी के तेज बहाव में बह गये. सोनाडुबी, दामोदर, सपही और इनकी सहायक छोटी नदियां व नाले उफान पर हैं.
सबसे भयावह स्थिति खलारी बाजारटांड़-मैक्लुस्कीगंज रास्ते में थी. सोनाडुबी की एक सहायक छोटी नदी मुर्दाघाटी के समीप सड़क से पांच फिट ऊपर बहने लगी. जिस जगह यह नदी गुजरी है, वहां दोनों ओर सड़क पर चढ़ाई है. पानी आ जाने के कारण दोनों ओर सड़क एक बराबर दिखाई दे रही थी. वाहनों का आवागमन नहीं हुआ. हेसालौंग में भी खेत का पानी सड़क पर बहने लगी.
पेड़ पर चढ़ कर बचायी जान
खलारी बाजारटांड़ मुर्दाघाटी के निकट एक किसान गुजरा गंझू और उसके बेटे गोविंद गंझू ने पेड़ पर चढ़ कर खुद को बाढ़ से बचाया. सुबह जब बारिश शुरू हुई तो बाप-बेटे दोनों अपने धान खेत में पानी पहुंचा रहे थे. इतने में वहां से बहनेवाले नाले का पानी बढ़ने लगा और देखते ही देखते खेत में पानी का जलस्तर बढ़ गया. हालात को भांपते हुए दोनों नजदीक के पेड़ पर चढ़ गये. घंटों बाद जलस्तर कम होने पर दोनों नीचे उतरे और वापस घर गये.
खानों का काम प्रभावित
भारी बारिश से सीसीएल के एनके एरिया की खानों का कामकाज प्रभावित हो गया. खुली खदान में पानी का स्तर बढ़ गया. कामगार खदान छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर चले गये. हॉल रोड पर फिसलन के कारण हॉलपैक डंपर जहां के तहां खड़े कर दिये गये.

Next Article

Exit mobile version