बोर्ड की गलती का खमियाजा अभ्यर्थी क्यों भुगतें : हाइकोर्ट

रांची : झारखंड कंबाइंड प्रवेश परीक्षा मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने पूछा कि बोर्ड अपने शपथ पत्र में इस बात की जानकारी दे कि अभ्यर्थी को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई कैसे की जायेगी? स्पष्ट रूप से बताया जाये कि परीक्षा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2016 7:31 AM
रांची : झारखंड कंबाइंड प्रवेश परीक्षा मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने पूछा कि बोर्ड अपने शपथ पत्र में इस बात की जानकारी दे कि अभ्यर्थी को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई कैसे की जायेगी? स्पष्ट रूप से बताया जाये कि परीक्षा में कम प्रश्न पूछे जाने पर अभ्यर्थी को एवरेज मार्किंग कैसे की जायेगी?
खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि भाैतिकी व रसायन शास्त्र विषय में 28 प्रश्न कम पूछे गये थे. इसमें अभ्यर्थी का क्या कसूर है? बोर्ड की गलतियों का खमियाजा अभ्यर्थी क्यों भुगतें? खंडपीठ नेजेसीइसीइबी को निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तिथि निर्धारित की.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि बोर्ड की गलती से अभ्यर्थी का करियर दावं पर लग गया है. मालूम हो कि प्रार्थी राजश्री पल्ली ने याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगायी है.

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