एनके पिपरवार के पांचों रेलवे साइडिंग मानक पर खरा नहीं

डकरा : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के तय मानक के आधार पर एनके पिपरवार के पांचों रेलवे साइडिंग गलत जगह पर बने हुए हैं. 23 मई 2014 को पर्षद के रिजनल ऑफिसर दिलीप कुमार ने खलारी के सुनिल कुमार को एक आरटीआइ के जवाब में इसकी जानकारी दी थी. जिसके अनुसार रेलवे साइडिंग, यार्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2016 6:44 AM
डकरा : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के तय मानक के आधार पर एनके पिपरवार के पांचों रेलवे साइडिंग गलत जगह पर बने हुए हैं. 23 मई 2014 को पर्षद के रिजनल ऑफिसर दिलीप कुमार ने खलारी के सुनिल कुमार को एक आरटीआइ के जवाब में इसकी जानकारी दी थी.
जिसके अनुसार रेलवे साइडिंग, यार्ड या मिनरल स्टॉक नेशनल/ स्टेट हाइवे से 100 मी, स्कूल कॉलेज हॉस्पीटल से 500 मी, नदी तालाब से 100 मी, जंगल से 200 मी और रेलवे लाइन से 50 मी दूर होना चाहिए. दिलीप कुमार ने इस पत्र में बताया है कि एनओसी एक्सपर्ट कमेटी ने 9 जनवरी 2013 को अपने 22वीं पर्षद मंडल की बैठक में यह मानक तय किया था. जिसकी जानकारी सभी संबंधित विभागों के बड़े अधिकारी को लिखित रूप में भेजा गया था.
डकरा के बगल में केडी ओल्ड रेलवे साइडिंग को बंद कराने के मामले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में पीआइएल दायर कर लड़ाई लड़ रहे गौरी शंकर केसरी ने बताया कि पिछले माह पर्षद ने डकरा और केडी रेलवे साइडिंग को क्लोजर नोटिस देकर बंद करा दिया था. इसके बाद अचानक डकरा को चालू कर दिया गया और केडी ओल्ड को भी चालू करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. ज्ञात हो कि पिपरवार का बचरा, आरसीएम और एनके का डकरा, केडीएच और केडी ओल्ड साईडिंग पर्शद के बनाये गये मानक पर कहीं खरा नहीं उतरता है.
पीआइएल करनेवाले को मिली धमकी : प्रदूषण को लेकर हाई कोर्ट में पीआइएल दायर करनेवाले गौरी शंकर केसरी को जान से मारने की धमकी मिली थी. प्रशासन मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्हें एक माह तक बॉडीगार्ड दे रखा था जिसे वापस ले लिया गया है. केसरी ने बताया कि मैं प्रशासन से लगातार सुरक्षा की मांग कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि खलारी व पिपरवार के आवासीय इलाके को प्रदूषित करनेवालों को सजा दिला कर ही दम लेंगे.
साइडिंग पुराना है मानक लागू नहीं होगा: साइडिंग मैनेजर बीबी सिंह ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने डकरा और केडी ओल्ड को स्प्रींकलर नहीं लगे होने और ग्रीन बेल्ट तैयार करने के लिए बंद कराया था. अब दोनों काम हो गया है. इसलिए साइडिंग चालू किया गया. उन्होंने पर्षद के मानक के बारे में कहा कि साइडिंग काफी पुराना है. बाद में आबादी बसी है. इसलिए इस पर वह मानक लागू नहीं होता. डकरा चालू होने के बाद केडी ओल्ड चालू होने की प्रक्रिया में है.

Next Article

Exit mobile version