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जीवन में नृत्य-गीत जरूरी : डीइओ

खूंटी : कला क्षेत्र की संस्कृति का जीवंत दर्शन कराता है. नृत्य व संगीत न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम है बल्कि इससे तन व मन दोनों प्रफुल्लित रहता है. सफल जीवन के लिए नृत्य-संगीत का होना बेहद जरूरी है. यह बातें जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की ने कही. वे खूंटी के एसएस हाइस्कूल सभागार में […]

खूंटी : कला क्षेत्र की संस्कृति का जीवंत दर्शन कराता है. नृत्य व संगीत न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम है बल्कि इससे तन व मन दोनों प्रफुल्लित रहता है. सफल जीवन के लिए नृत्य-संगीत का होना बेहद जरूरी है. यह बातें जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की ने कही. वे खूंटी के एसएस हाइस्कूल सभागार में बच्चों को संबोधित कर रहे थे. अवसर था राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिला स्तरीय कला उत्सव का. श्री तिर्की ने कहा कि विभाग कला के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है. प्रतिभावान विद्यार्थियों (कलाकार) को विभाग हरसंभव सहायता देगा.
नृत्य-गीत से बांधा समां : कार्यक्रम में जिला के सभी प्रखंडों के उच्च विद्यालय व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के बच्चों ने एक से बढ़ कर नृत्य, गीत व नाटक प्रस्तुत किये. कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियों का मुंडारी नृत्य आर्कषण का केंद्र रहा. अन्य विद्यालयों के बच्चों ने भी कार्यक्रम में अपनी प्रतिभा दिखायी. साबित किया कि पढ़ाई के साथ नृत्य-गीत में भी माहिर हैं. कार्यक्रम के उपरांत प्रतिभावान विद्यार्थियों की टीम को पुरस्कृत किया गया.
जज अनिमा तिर्की, जोय स्मृति केरकेट्टा, अवध बिहारी मधुकर, सरोज मुंडू, घुरा ओहदार, ललित कुमार, मीनाक्षी कुमारी, नंद किशोर शर्मा, ठमेश्वर कांशी, प्रेमलता, अमित ज्ञानोत्तम विधि आदि शामिल थे. कार्यक्रम के आयोजन में चांद उसमान अंसारी, फेकेश्वर कांशी, सफेतुल्लाह अंसारी, रश्मि कुमारी, अवध बिहारी मधुकर आदि कायोगदान रहा.

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