नदियों को बचाना जरूरी

खलारी : दामोदर बचाओ आंदोलन के प्रणेता सह मंत्री सरयू राय ने सोमवार को खलारी की सभी नदियों का निरीक्षण किया. युगांतर भारती के तत्वावधान में दामोदर बचाओ अभियान के तहत दामोदर प्रदूषण समीक्षा यात्रा को लेकर सरयू राय सोमवार को अपराह्न 3.30 बजे लपरा बुध बाजार पहुंचे. यहां जीतेंद्रनाथ पांडेय के नेतृत्व में उनका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2017 8:42 AM
खलारी : दामोदर बचाओ आंदोलन के प्रणेता सह मंत्री सरयू राय ने सोमवार को खलारी की सभी नदियों का निरीक्षण किया. युगांतर भारती के तत्वावधान में दामोदर बचाओ अभियान के तहत दामोदर प्रदूषण समीक्षा यात्रा को लेकर सरयू राय सोमवार को अपराह्न 3.30 बजे लपरा बुध बाजार पहुंचे.
यहां जीतेंद्रनाथ पांडेय के नेतृत्व में उनका स्वागत किया गया. यात्रा दामोदर नद के उद्गम स्थल लोहरदगा के सलगी स्थित चूल्हापानी से आरंभ हुई थी. बुध बाजार में ग्रामीणों से रूबरू होने के बाद मंत्री बघमरी स्थित दामोदर नद को देखने गये. यहां दामोदर पुल से थोड़ी ही दूर पर नद में बालू उत्खनन देख नाराजगी जतायी. यहां से काफिला जामडीह के निकट दामोदर देखने पहुंचा, जहां निकट में खदान चलाया जा रहा है. इसके बाद मोनेट डेनियल कोल वाशरी के अंदर जाकर दामोदर की सहायक नदी सोनाडुबी को देखने पहुंचे.
भूतनगर के पास तथा डैम धौड़ा के पास सोनाडुबी को देखने गये. यहां खलारी सीमेंट फैक्टरी द्वारा सोनाडुबी नदी पर बनाये गये डाला पुल को नदी का अतिक्रमण बताया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में दामोदर नद को प्रदूषण मुक्त करना मिशन है. इसी उद्देश्य से दामोदर प्रदूषण समीक्षा यात्रा निकाली गयी है. इसके बाद डकरा वीआइपी सभागार चले गये.
जहां एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. यहां रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार की सुबह वे पिपरवार क्षेत्र के लिए रवाना होंगे. इस यात्रा में युगांतर भारती के आनंद कुमार, दामोदर बचाओ आंदोलन के खलारी के प्रभारी शशिभूषण सिंह, डकरा के प्रभारी आनंद कुमार झा, भरत रजक, विकास कुमार सिंह, रमेश विश्वकर्मा, अरविंद सिंह, फुलेश्वर महतो, आनंद सिंह, संजय चौहान, आशा पांडेय, मुखिया पुतुल देवी, पुष्पा खलखो, शिव चौधरी, रामप्रवेश राम, दिनेश गुप्ता व कार्यकर्ता शामिल थे.
ग्रामीणों को दिया इंटेक वेल िगराने का निर्देश : मंत्री सरयू राय ने दामोदर नद में बने इनटेक वेल को देख ग्रामीणों को इसे धास देने का निर्देश दिया. चंदवा स्थित पावर प्रोजेक्ट के लिए इस इनटेक वेल को बिना सरकारी अनुमति के बना दिया गया था.

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