नववर्ष आत्म चेतना को जगाने का अवसर : स्वामी निर्मलानंद
महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा और शांतिपुरी मुरहू में रविवार को विशेष सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
मुरहू के महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा और शांतिपुरी में सत्संग प्रतिनिधि, खूंटी महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा और शांतिपुरी मुरहू में रविवार को विशेष सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कुप्पाघाट भागलपुर आश्रम के स्वामी निर्मलानंद महाराज ने कहा कि नववर्ष आत्म चेतना को जगाने का सुअवसर है. हमें भूत के भूलों से सबक लेकर सद्कर्म की तरफ बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि सत्संग से जीवन में सुधार आता है. ईश्वर की कृपा के बिना संत और सत्संग नहीं मिलता. भगवान श्री राम ने कहा है कि बड़े भाग पाइय सत्संगा, बिनही प्रयास होहि भव भंगा. संत मिलना दुर्लभ है, संतों का हृदय दूसरों का दुःख देखकर पिघल जाता है. संतों की कृपा से बिगड़ा काम भी सुधर जाता है. उन्होंने बताया कि कबीर दास जी ने सत्संग को स्वर्ग से भी अधिक सुखकर बताया है. स्वामी लक्ष्मणजी महाराज ने कहा कि सत्संग भेदभाव मिटाता है, मनुष्य को परमात्मा से जोड़ता है. धर्माचरण करने की शिक्षा देता है. स्वामी अखिलेश बाबा, लोदरो बाबा, मुरलीधर, दिगंबर दास ने भी सत्संग की सार्थकता पर बल दिया. मौके पर डॉ डीएन तिवारी, संजय कुमार, उमेश यादव, मुचीराय मुंडा, नंदिनी देवी, सुनीता कुमारी, चमरा मुंडा, सुबोध कुमार, डब्लू कुमार, सूरजमल प्रसाद, कृष्णा प्रसाद, रामहरि साव, सुनील रजक, बीरु कुमार, हरिद्वार ठाकुर, धर्मेंद्र ठाकुर, लोकनाथ मुंडा, बसंत कुमार आदि उपस्थित थे.
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