अफीम की खेती के लिए बदनाम है खूंटी जिला : वंदना डाडेल
जिले में अफीम की खेती पर लगाम लगाने और पूरी तरह से नष्ट करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किया जा रहा है.
नगर भवन में गृह कारा और आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव ने की संगोष्ठी
प्रतिनिधि, खूंटीजिले में अफीम की खेती पर लगाम लगाने और पूरी तरह से नष्ट करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. नशा मुक्त झारखंड के तहत शनिवार को खूंटी के नगर भवन में गृह कारा व आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल की अध्यक्षता में संगोष्ठी हुई. जिले के ग्राम प्रधान, मुखिया और अन्य पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए. इस अवसर पर प्रधान सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि वह खुद कर्रा के कच्चाबारी गांव की हैं. खूंटी हमेशा सुंदर यादों से जुड़ा रहा है, लेकिन अब अफीम की खेती के लिए बदनाम हो गया है. उन्होंने कहा कि अफीम की अवैध खेती को रोकने के लिए सभी विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रहे हैं. जनप्रतिनिधि व ग्राम प्रधानों की सहभागिता के बगैर अफीम की खेती को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अफीम की खेती का विनष्टीकरण के साथ दोषियों के विरुद्ध एफआइआर किया जा रहा है. लोग गिरफ्तार किये जा रहे हैं. उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से ग्रामीणों को अफीम की खेती बंद करने के लिए जागरूक करने के लिए कहा. वहीं पुलिस को सूचना देने की अपील की.
अफीम, उग्रवाद और मानव तस्करी तीन मुख्य समस्याएं
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि अफीम, उग्रवाद और मानव तस्करी जिले की तीन मुख्य समस्याएं हैं. उन्होंने उग्रवादी गतिविधियों में शामिल युवाओं को आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में वापस लौटने की अपील की. आगे कहा कि अफीम माफियाओं ने खूंटी जिले में सुदूरवर्ती भोले-भाले ग्रामीणों को प्रलोभन देकर जिले में अफीम की खेती की शुरुआत करायी. उन्होंने अफीम की खेती को बंद करने की अपील की. कहा कि नहीं मानने पर अफीम की खेती करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी. कृषि, पशुपालन व सहाकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्धिकी ने ग्रामीणों से अफीम की खेती छोड़कर वैकल्पिक खेती अपनाने की अपील की.
अफीम की खेती नहीं करने का संकल्प
उपायुक्त लोकेश मिश्र ने कहा कि जिला में अफीम की खेती एक सामाजिक समस्या बन चुकी है. इस समस्या का निपटारा सामाजिक तौर पर ही किया जा सकता है. एसपी अमन कुमार ने लोगों से अपने परिवार, समाज और जिला के हित में अफीम की खेती से स्वयं को दूर रहने की अपील की. सभी अधिकारी, ग्राम प्रधान, मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों ने अफीम की खेती नहीं करने का संकल्प लिया. मौके पर जिले के अधिकारी, बीडीओ, सीओ, थाना प्रभारी सहित अन्य उपस्थित थे.
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