वर्षों से एक ही जगह पर जमे हैं लिपिक

वर्षों से एक ही जगह पर जमे हैं लिपिक

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2020 11:42 PM

खूंटी : सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी अधिकारी या कर्मी को अधिकतम तीन साल तक ही एक स्थान पर कार्य करना है. इसके बाद उसका स्थानांतरण किया जाना चाहिए. जिले में यह नियम लिपिक वर्ग के कर्मियों पर लागू नहीं होता है. जिले में 10 वर्ष से अधिक समय से लिपिकों का स्थानांतरण नहीं किया गया है.

कई कर्मी तो 10 वर्ष से भी अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं. ऐसे में दुरस्थ स्थानों पर नियुक्त कर्मियों में रोष भी व्याप्त है. कई तो अपने मूल नियुक्तिवाले स्थान के बजाए प्रतिनियुक्ति के आधार पर दूसरे विभागों में वर्षों से जमे हुए हैं. समाहरणालय में ही बड़ी संख्या में कई ऐसे लिपिक और कर्मी हैं जो लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत हैं.

निर्वाचन शाखा में जामिनी सिंह 02 मार्च 2009 से, पेतरूस गुड़िया 27 फरवरी 2009 से, नजारत में धर्मदास आइंद 26 अगस्त 2008 से, कल्याण विभाग में बलराम माल पहाड़िया 25 फरवरी 2009 से, स्थापना में बेर्नार्ड मुंडू 27 फरवरी 2009 से, गोस्सनर किड़ो 19 जुलाई 2008 से, विधि शाखा में उदय भूषण प्रसाद 05 जुलाई 2008 से, गोपनीय में रतन कुमार मिश्र 14 जुलाई 2010 से,

समाहरणालय में इदन नूतन होरो 08 दिसंबर 2012 से, पंचायती राज में शंभु उरांव 10 दिसंबर 2012 से, सामान्य शाखा में मुक्ति प्रभा खेस 10 दिसंबर 2012 से, राम सिंह 08 दिसंबर 2012 से, सबिना खलखो 10 दिसंबर 2012 से राजस्व में योगेंद्र वर्मा 20 जून 2015 से, आपूर्ति में मंगता कच्छप सात अगस्त 2014 से, राजस्व में अंचल धान 02 जून 2015 से, गोपनीय में रंजीत प्रमाणिक 16 जुलाई 2015 से, विधि में इबलेन गुड़िया 21 जुलाई 2015 से कार्यरत हैं.

Post by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version