रांची : प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने रविवार को खूंटी जिले के टकरा गांव स्थित जयपाल सिंह मुंडा के समाधि स्थल पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त व खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि मरांग गोमके पूरे समाज के लिए आदर्श हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद 1928 में राजनीति में कदम रखा.
इसके बाद 1938 में आदिवासी महासभा का गठन किया. पहली बार जनजातीय बहुल इलाकों के लिए झारखंड राज्य का उल्लेख किया. 1952 में आजादी के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में वे नेता प्रतिपक्ष बने. उन्होंने ही पहली बार अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना की. उन्हीं की तरह दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने भी अलग झारखंड राज्य गठन को लेकर लंबे समय तक संघर्ष किया. श्री उरांव ने कहा कि 17 वर्षों की सरकार में मारंग गोमके का एक स्मारक तक नहीं बना पाया.
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार उनके परिजनों व ग्रामीणों से बात कर जयपाल सिंह मुंडा के सपनों को साकार करेगी. कृषि मंत्री बादल ने कहा कि राज्य सरकार मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के सपने को साकार करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है. किसानों की स्थिति कैसे सुदृढ़ हो, इसके लिए विभाग की ओर से आवश्यक कदम उठाये गये हैं. वहीं किसानों का कृषि ऋण माफ करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.
सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा जयपाल सिंह झारखंड ही नहीं पूरे भारतवर्ष के आदिवासियों के मसीहा माने जाते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा के प्रयास से ही ट्राइबल सबप्लान को अमलीजामा पहनाया जा सका. राष्ट्रव्यापी सोच और उनकी दूरदर्शिता से जयपाल सिंह ने अलग झारखंड राज्य गठन की परिकल्पना की, लेकिन अलग झारखंड राज्य गठन के 20 में से 17 वर्षों तक भाजपा सत्ता में रही.
उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया. इसलिए उनका गांव और पूरा राज्य निरंतर पिछड़ता चला गया. मौके पर आलोक दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता विधायक राजेश कच्छप, पूर्व विधायक कालीचरण मुंडा, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, सच्चिदानंद चौधरी,आदित्य विक्रम जायसवाल, राम कृष्ण चौधरी समेत कई नेता शामिल थे.
रांची. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 118 वीं जयंती मनायी गयी. कांग्रेस नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. वक्ताओं ने मरांग गोमके के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. उनको दृढ़ इच्छाशक्ति वाला कुशल वक्ता एवं नेतृत्वकर्ता बताया. मौके पर डाॅ प्रो बिनोद सिंह, अमूल्य नीरज खलखो, सुंदरी तिर्की, अरुण श्रीवास्तव, नरेंद्र लाल गोपी, छोटू सिंह, अर्जुन मांझी समेत अन्य शामिल थे.
Posted : Sameer Oraon