प्रतिनिधि, तोरपा रेफरल अस्पताल तोरपा में रविवार की सुबह कोई डॉक्टर ड्यूटी में नहीं थे. अस्पताल में चार महिला डॉक्टर सहित कुल 10 चिकित्सक पदस्थापित हैं. परंतु डॉक्टर समय पर ड्यूटी नहीं आते हैं. रविवार को सुबह लगभग 10 बजे निचुतपुर गांव के सुनील टोपनो (35) अस्पताल आया. गड्ढे में गिर जाने से उसका एक पैर टूट गया था. उसके परिजन उसे लेकर रेफरल अस्पताल तोरपा पहुंचे. उस वक्त वहां कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं था. कुछ ही देर में तीन-चार मरीज और अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर की खोज करने लगे. डॉक्टरों के नहीं रहने से वे ओपीडी के पास बैठ गये. शनिवार की रात डॉ अनिकेत की ड्यूटी थी. सुबह 10 बजे के आसपास वे अस्पताल से चले गये. सुबह से डॉ दीप्ति नूतन टोपनो की ड्यूटी थी, लेकिन वह अस्पताल नहीं आयीं. इसकी सूचना खूंटी के सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी को दी गयी. इसके बाद सीएस अस्पताल आकर मरीजों का इलाज शुरू किया. कुछ देर बाद अस्पताल के प्रभारी डॉ मिदेन मुंडू अस्पताल पहुंचे. सिविल सर्जन ने किया शोकॉज : ड्यूटी से गायब रहनेवाले चिकित्सकों का वेतन सीएस ने काट दिया है. इनमें डॉ दीप्ति नूतन टोपनो, डॉ चयन सिन्हा, डॉ अपूर्वा घोष और डॉ आभा मरांडी शामिल हैं. इन चारों चिकित्सकों का वेतन रोकते हुए सिविल सर्जन ने शो कॉज भी किया है. सीएस ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि इमरजेंसी में हर दिन कम-से-कम दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगायें, ताकि मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो. डॉ मांझी ने कहा कि कर्तव्य में लापरवाही बरतनेवाले चिकित्सकों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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