भूषण कांसी, रनिया प्राकृतिक रूप से झारखंड सुंदर और समृद्ध राज्य है. हरियाली और जलप्रपात लोगों का मन मोह लेता है. पहाड़ों और झरनों का अनोखा मेल इस राज्य को खूबसूरत बनाता है. राज्य में ऐसे कई मनोरम स्थान हैं, जहां पूरे परिवार के साथ आकर प्रकृति की सुंदर छटा में खो सकते हैं. खूंटी जिले और सिमडेगा जिले की सीमावर्ती क्षेत्र में ऐसा ही जलप्रपात है उलुंग कोयल नदी में स्थित उलुंग जलप्रपात में 10 से 20 फीट ऊपर से झरना गिरता है. उलुंग जलप्रपात को विकसित कर बेहतर पर्यटक स्थल बनाया जा सकता है. उलुंग पहुंचने के लिए पहले खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड स्थित मरचा आना होगा. इसके बाद मरचा से रनिया जाने वाली सड़क पर स्थित तुंबुकेल घाटी पार करने के बाद उलुंग मोड़ मिलेगा, जहां एक यात्री शेड भी है. मरचा-रनिया सड़क पर उलुंग मोड़ से दांयी ओर उलुंग गांव की दूरी सात किलोमीटर है. उलुंग गांव से कच्ची सड़क और खेत-टांड़ होकर आपको उलुंग जलप्रपात पहुंचना होगा. इस बीच दो छोटे-छोटे बरसाती नाला को पार करना पड़ता है. उलुंग जलप्रपात पहुंचने के लिए सुगम सड़क नहीं है. यहां अब तक किसी भी तरह का कोई भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं है. सरकार और स्थानीय प्रशासन अगर ऐसे जगहों को पर्यटन स्थल घोषित कर इसका समुचित विकास करे तो जहां सरकार को राजस्व मिलेगी. वहीं स्थानीय बेरोजगारों को आमदनी का नया स्त्रोत मिलेगा. उलुंग जलप्रपात उलुंग जंगल के नाम पर रखा गया है.
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