Jharkhand Village: झारखंड का एक ऐसा गांव, जिसका नाम सुनते ही कांप जाएंगे आप
Jharkhand Village: हर गांव की अपनी कहानी होती है. कुछ गांव के नाम ऐसे होते हैं, जिसे बताने में ग्रामीण शर्माते हैं. कुछ गांवों के नाम अनोखे होते हैं, जिन्हें सुनकर आप यकीन नहीं करेंगे. झारखंड के खूंटी जिले में भी एक गांव हैं, जिसका नाम सुनकर आप डर जाएंगे. आइए जानते हैं उस खास गांव की कहानी.
Jharkhand Village: खूंटी, चंदन कुमार-झारखंड में एक गांव है, जिसका नाम सुनते ही आप कांप जाएंगे. अलग दुनिया में खो जाएंगे. नाम सुनकर आपको सहसा यकीन नहीं होगा, लेकिन अब यही इस गांव की पहचान बन गयी है. पहले इस गांव में शादी-विवाह को लेकर भी लोग आना पसंद नहीं करते थे. रिश्तेदारी से भी परहेज करते थे, लेकिन वक्त के साथ स्थिति बदली है. हां, इस गांव से गुजर रहे लोग अब सेल्फी लेना नहीं भूलते. आइए जानते हैं खूंटी जिले के इस अनोखे नाम वाले गांव की कहानी.
खूंटी से आठ किलोमीटर दूर है अनोखे नाम वाला गांव
खूंटी जिले के खूंटी प्रखंड की मारंगहादा पंचायत में एक गांव है. ये खूंटी से लगभग आठ किलोमीटर दूर है. अपने नाम की वजह से यह गांव हमेशा चर्चा में रहता है. खूंटी से दतिया रोड होते हुए मारंगहादा जानेवाली सड़क पर इस गांव का बोर्ड नजर आता है. बोर्ड पर गांव का नाम लिखा होता है भूत.
सेल्फी लेना नहीं भूलते लोग
रास्ते से गुजर रहे लोगों की नजर जब बोर्ड पर पड़ती है तो नाम देखते ही लोग सोचने पर मजबूर हो जाते हैं और कुछ देर के लिए वहीं ठिठक जाते हैं. बोर्ड के पास रुककर लोग सेल्फी लेना नहीं भूलते हैं. गांव के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है. लोग सोचते हैं कि क्या सचमुच यहां भूत रहते हैं? कौतुहलवश लोग गांव में प्रवेश करते हैं और ग्रामीणों से नामकरण को लेकर जानकारी लेते हैं. इस गांव में करीब 100 परिवार रहते हैं. लगभग आदिवासी परिवार ही हैं.
गांव के नाम की ये है कहानी
मारंगहादा पंचायत के मुखिया प्रेम टूटी इसी गांव के हैं. वे बताते हैं कि गांव का नाम बुन था. मुंडारी में इसे बुन हातू कहा जाता था. अंग्रेजों के समय सर्वे के दौरान अंग्रेजों ने बुन का उच्चारण भूत के रूप में कर दिया. इस कारण सभी दस्तावेजों में इस गांव का नाम भूत रजिस्टर्ड हो गया.
गांव के नामकरण की एक ये भी है कहानी
दंतकथा है कि अंग्रेजों के जमाने में इस गांव में पूजा का आयोजन किया गया था. मुंडाओं की परंपरा के मुताबिक पहान द्वारा मुर्गा की बलि दी जानी थी. मुर्गा टोकरी से ढंककर रखा गया था. इसी दौरान एक अंग्रेज गांव में टैक्स वसूलने आ गया. टोकरी उसकी तरफ आने लगी तो ये देखते ही वह घबरा गया. उसे लगा कि गांव में भूत है. अन्यथा टोकरी उसकी तरफ अचानक कैसे अपने आप आने लगती. इसी वजह से इस गांव का नाम भूत दिया गया.
पहले शादी-विवाह के लिए यहां नहीं आते थे लोग
गांव का नाम भूत होने के कारण पहले शादी-विवाह में भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इस गांव में रिश्तेदारी करने को लेकर लोग नहीं आते थे. यहां आने से लोग परहेज करते थे. गांव के प्रकाश टूटी कहते हैं कि पहले शादी-विवाह को लेकर लोग यहां नहीं आना चाहते थे. हालांकि अब ऐसी स्थिति नहीं है.
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