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Jharkhand Village: झारखंड का एक अनोखा गांव, जिसका नाम है डरावना, लेकिन तारीफ सुन कह उठेंगे वाह!

Jharkhand Village: हर गांव खास होता है. उसकी अपनी पहचान होती है. ग्रामीण जागरूक हों तो अपनी खासियत से वह गांव चर्चा में रहता है. कुछ गांव अपने नाम और ग्रामीणों की जागरूकता के कारण सुर्खियों में रहते हैं. इन्हीं में से एक है खूंटी का 'भूत' गांव. नशामुक्त इस गांव के लोग काफी जागरूक हैं. आइए जानते हैं कितना खास है ये गांव?

Jharkhand Village: खूंटी, चंदन कुमार-झारखंड का एक गांव, न सिर्फ अपने नाम की वजह से चर्चा में रहता है, बल्कि यहां के जागरूक ग्रामीणों की वजह से इसकी खास पहचान है. यह गांव 1980 से नशामुक्त है. यहां के लोग शराब नहीं पीते और बिक्री भी नहीं करते. अफीम की खेती करने पर भी प्रतिबंध है. यह आदिवासी गांव ‘भूत’ है. इस गांव की तारीफ सुनकर आप कह उठेंगे वाह!

Jharkhand Village: नशामुक्त गांव में अफीम की खेती पर जुर्माना

खूंटी जिले के खूंटी प्रखंड की मारंगहादा पंचायत का ‘भूत’ गांव अपने अनोखे नाम की वजह से चर्चा में रहता है. पहले लोग नाम सुनकर डर जाते थे. गांव में आने से डरते थे, लेकिन अब वैसी बात नहीं है. ये गांव बेहद खास है. 1980 से नशामुक्त गांव है. यहां के ग्रामीण न तो गांव में शराब पीते हैं और न ही खरीद-बिक्री करते हैं. हड़िया पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. सिर्फ पूजा-पाठ में इसकी अनुमति है. पूरे गांव में अफीम की खेती भी नहीं होती है. अफीम की खेती करने पर ग्राम सभा द्वारा जुर्माना लगाया जाता है. नशामुक्त होने के कारण ग्रामीण अपराध से दूर हैं और शिक्षा को लेकर बेहद जागरूक हैं.

Jharkhand Village: गेंदा फूल की खेती के लिए फेमस है ये गांव

खूंटी के अन्य गांवों की तुलना में भूत गांव काफी विकसित है. ग्रामीण मनरेगा, पीएम आवास योजना, हर घर नल जल योजना, शौचालय समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. यहां उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. स्मार्ट क्लास की भी व्यवस्था है. राज्यस्तर पर इस स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में सम्मानित किया जा चुका है. आम की बागवानी और गेंदा फूल की खेती के लिए भी ये गांव प्रसिद्ध है.

Jharkhand Village: मंडा मेला और टुसू मेला भी खास

इस गांव में टुसू मेला और मंडा पूजा भी खास है. ग्राम प्रधान कमल पहान ने कहा कि गांव का भूत नाम पूर्वजों के समय से चला आ रहा है. पहले लोगों को नाम से डर लगता था. अनजान लोग यहां नहीं आते थे. अब स्थिति सामान्य है.

Jharkhand Village: 1980 से इस गांव में है शराबबंदी

चमन मुंडा कहते हैं कि गांव का नाम बुन हातू था. इसी से गांव का नाम भूत हो गया. अंग्रेजों ने गांव का ये नाम दस्तावेजों में अंकित कर दिया. अब गांव का यही नाम पहचान बन गया है. जितेंद्र मुंडा ने कहा कि इस गांव के लोग काफी जागरूक हैं. सरकारी योजना का लाभ भी यहां के लोग लेते हैं. यहां लगभग 1980 से शराबबंदी है. ग्रामीण खेती-बाड़ी, व्यवसाय और नौकरी करते हैं.

Jharkhand Village: हर घर के बाहर कब्र

इस गांव में जब आप जाएंगे. तो लगभग हर घर के बाहर कब्र दिख जाएगी. ग्रामीणों ने पत्थरों पर पूर्वजों के नाम और संक्षिप्त जीवनी उकेर कर घर के आसपास रखा है.

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