Khunti Assembly Election Result 2024: खूंटी विधानसभा सीट पर बीजेपी के नीलकंठ सिंह मुंडा, झामुमो के राम सूर्य मुंडा और जेएलकेएम के बी अनिल कुमार के बीच मुकाबला है. यहां फिर कमल खिलेगा या झामुमो सेंधमारी कर जीत का रास्ता रोकने में कामयाब होगा, देखना दिलचस्प होगा. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित खूंटी विधानसभा सीट झारखंड के खूंटी जिले में आती है. इस क्षेत्र में कुल 2 लाख 23 हजार 305 मतदाता हैं. इनमें 1 लाख 8 हजार 325 पुरुष, 1 लाख 14 हजार 979 महिला और 1 थर्ड जेंडर वोटर हैं.
भाजपा का अभेद्य किला है खूंटी विधानसभा
खूंटी विधानसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहा जाता है. पिछले चार विधानसभा चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को कोई हरा नहीं पाया है. बीजेपी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा 25 साल से इस क्षेत्र के विधायक हैं.
2019 में भी नीलकंठ सिंह मुंडा ने जारी रखा जीत का सिलसिला
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में खूंटी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नीलकंठ सिंह मुंडा विधायक चुने गए थे. उनको इस चुनाव में कुल 59,198 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार सुशील पाहन रहे थे. उनको इस चुनाव में कुल 32,871 वोट मिले थे. झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहा था. उम्मीदवार दयामनी बारला को कुल 20,726 वोट मिले थे.
2014 में भी खूंटी विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत
2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 2 महिला उम्मीदवार थीं. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार नीलकंठ सिंह मुंडा को सबसे अधिक 47,032 वोट मिले थे. झामुमो ने इस चुनाव में जिदान होरो को उतारा था. उनको कुल 25,517 वोट मिले थे. कांग्रेस इस चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी थी. उम्मीदवार पुष्पा सुरीन को कुल 17,544 वोट मिले थे.
2009 में लोगों ने फिर जताया बीजेपी पर भरोसा
2009 के झारखंड विधानसभा चुनाव में खूंटी विधानसभा सीट पर कुल 13 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 12 पुरुष और एक महिला थी. बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नीलकंठ सिंह मुंडा को इस चुनाव में कुल 32,067 वोट मिले थे. झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मासी चरण मुंडा को कुल 31,631 वोट मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी रोशन कुमार सुरीन तीसरे स्थान पर थे. उनको 20,116 वोट मिले थे.
2005 में बीजेपी के नीलकंठ सिंह मुंडा ने की थी जीत दर्ज
2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 12 पुरुष और 4 महिला उम्मीदवार थीं. इस चुनाव में लोगों ने बीजेपी पर भरोसा जताया. नीलकंठ सिंह मुंडा को कुल 43,663 वोट मिले. कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे रोशन कुमार सुरीन दूसरे स्थान पर रहे थे. रोशन कुमार सुरीन को 27,963 वोट मिले थे. झारखंड पार्टी (जेकेपी) इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी. उम्मीदवार एलिस्टर बोदरा को 11,240 वोट मिले थे.
वर्ष 2000 में पहली बार विधायक बने नीलकंठ सिंह मुंडा
नीलकंठ सिंह मुंडा वर्ष 2000 में पहली बार चुनाव लड़कर विधायक बने थे. उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज सुशीला केरकेट्टा को मात दी थी. इसके बाद से वे लगातार चुनाव जीतते आए हैं. नीलकंठ सिंह मुंडा से पहले खूंटी विधानसभा सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस की पकड़ रही.
लगातार तीन बार विधायक रही हैं सुशीला केरकेट्टा
सुशीला केरकेट्टा खूंटी से लगातार तीन बार विधायक रही हैं. सुशीला केरकेट्टा 1985, 1990 और 1995 में लगातार तीन बार विधायक चुनी गयी थीं. इससे पहले खूंटी सीट पर कांग्रेस से सामू पाहन 1980 में विधायक थे. वर्तमान विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के पिता टी मुचिराय मुंडा भी कांग्रेस से लगातार तीन बार विधायक रहे. वे खूंटी में 1967, 1969 और 1972 में विधायक बने थे. उनके बाद एक बार जनता पार्टी से खुदिया पाहन खूंटी के विधायक चुने गए थे. देश आजाद होने के बाद शुरुआती दिनों में खूंटी सीट पर झारखंड पार्टी का कब्जा था. झारखंड पार्टी से 1951 में लुकस मुंडा, 1957 में बीर सिंह मुंडा और 1962 में फूलचंद कच्छप खूंटी के विधायक बने थे.