पेलौल के किसान लक्ष्मण महतो को मदर डेयरी का मिला साथ, क्षेत्र में ला रहे हरियाली
Jharkhand news, Khunti news : खूंटी जिले के पेलौल का एक किसान लक्ष्मण महतो संसाधनों की कमी का रोना नहीं रोकर अपनी मेहनत और सूझबूझ से आज एक सफल किसान बन गये हैं. खुद तो सफल हुए ही, दूसरे किसानों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं. लक्ष्मण महतो के पास लगभग 3 एकड़ ही जमीन है. नाममात्र की जमीन होने के बाद भी वह अपनी सूझबूझ से पेलौल में लीज पर लेकर कुल 17 एकड़ जमीन में स्वीटकाॅर्न की खेती कर रहे हैं. वहीं, अपने साथ 120 किसानों का समूह बनाकर कुल 320 एकड़ जमीन में स्वीटकाॅर्न की खेती करवा रहे है. सिर्फ स्वीटकाॅर्न की खेती कर आज सफलतम किसानों के बीच उसकी गिनती हो रही है.
Jharkhand news, Khunti news : खूंटी (चन्दन कुमार) : खूंटी जिले के पेलौल का एक किसान लक्ष्मण महतो संसाधनों की कमी का रोना नहीं रोकर अपनी मेहनत और सूझबूझ से आज एक सफल किसान बन गये हैं. खुद तो सफल हुए ही, दूसरे किसानों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं. लक्ष्मण महतो के पास लगभग 3 एकड़ ही जमीन है. नाममात्र की जमीन होने के बाद भी वह अपनी सूझबूझ से पेलौल में लीज पर लेकर कुल 17 एकड़ जमीन में स्वीटकाॅर्न की खेती कर रहे हैं. वहीं, अपने साथ 120 किसानों का समूह बनाकर कुल 320 एकड़ जमीन में स्वीटकाॅर्न की खेती करवा रहे है. सिर्फ स्वीटकाॅर्न की खेती कर आज सफलतम किसानों के बीच उसकी गिनती हो रही है.
प्रगतिशील किसान लक्ष्मण महतो को मदर डेयरी का भी साथ मिल रहा है. मदर डेयरी उसके फसल के लिए बीज, बाजार और तकनीकि सहयोग प्रदान करती है. कृषि विभाग की ओर से भी काफी सहयोग मिलता है. लक्ष्मण स्वीटकॉर्न के अलावा तरबूज, हल्दी, खीरा, आलू, शिमला मिर्च, बैगन आदि की भी खेती करते हैं.
किसान लक्ष्मण महतो ने बताया कि स्वीटकाॅर्न से उसे प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है. फसल के कटने के बाद पौधे भी मवेशियों के चारे के रूप में बिक जाता है. इससे उन्हें दोहरा लाभ मिल जाता है. उन्होंने कहा कि स्वीटकाॅर्न की खेती करने से उन्हें काफी लाभ मिला है. लाॅकडाउन का भी इस पर कोई असर नहीं पड़ा है.
कैसे की शुरुआतलक्ष्मण महतो ने 2006 में पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती करने की शुरुवात की. खेती को ही अपना करियर बनाने को सोचा. पिता परमेश्वर महतो भी किसान हैं. उन्हें दूसरे के खेत में काम करते देखा करते थे. यही देख कर उन्होंने खुद लीज पर जमीन लेकर खेती करने की शुरुअात की. आमदनी अच्छी होने पर दायरा बढ़ता गया. धीरे-धीरे क्षेत्र के किसान भी प्रोत्साहित कर उनके साथ जुड़ने लगे. आज क्षेत्र के कई किसान उनके साथ जुड़ कर खेती को व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं.
एक बार की फसल से खरीदी बाइकपेलौल के ही सारंग मुंडा लक्ष्मण महतो के साथ जुड़कर स्वीटकाॅर्न की खेती कर रहे हैं. उन्होंने समूह में जुड़कर 3 एकड़ में स्वीटकाॅर्न लगाया है. किसान सारंग मुंडा ने बताया कि पिछले साल स्वीटकाॅर्न की खेती कर उन्होंने बाईक खरीदी थी. उन्होंने कहा कि खेती से ही उनका परिवार आत्मनिर्भर है.
Posted By : Samir Ranjan.