प्रतिनिधि, खूंटी मलियादा स्थित महर्षि मेंही आश्रम और शबरी कुटिया शांतिपुरी आश्रम मुरहू में महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 140वीं जयंती मनायी गयी. कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात फेरी से की गयी. जिसमें काफी संख्या में सत्संगी महिला-पुरुषों ने भाग लिया. शोभायात्रा में भारत माता की जय, सदगुरुदेव की जय सहित मानव-मानव एक है, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी आपस में भाई-भाई आदि स्लोगन लगाया गया. आश्रम पहुंचकर सत्संगियों ने गुरुदेव के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि की. अपने प्रवचन में स्वामी लक्ष्मण जी महाराज ने कहा कि महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज का अवतरण मानव कल्याण के लिए हुआ था. सदगुरुदेव ने कठोर साधना की, तत्पश्चात हमें सभी सदग्रंथों और संतों की बातें सरल और आसान शब्दों में बताया. मनुष्य को अहिंसा, दयालुता, सद व्यवहार व कपट, अहंकार रहित जीवन जीना चाहिए. झूठ बोलना, चोरी, नशा, हिंसा और व्यभिचार से दूर रहना चाहिए. गुरु महाराज ने बहुत लोगों को सच्चा जीवन मार्ग बताया है. हमें गुरुदेव के बताये मार्ग पर चलने का सदा प्रयास करने होंगे. तभी सुख मिलेगा और उद्धार होगा. ब्रह्मचारी लोदरो बाबा, मुरलीधर बाबा, डॉ डीएन तिवारी ने भी सदगुरु की महिमा का गुणगान किया. कार्यक्रम में संजय कुमार, रासबिहारी मुंडा, जूरन मुंडा, जगन्नाथ मुंडा, मुचीराय मुंडा, सुखसागर, कांडे मुंडा, सगुन दास, मंगल मुंडा, विष्णु मुंडा, सूरजमल प्रसाद, रामहरि साव, सनिका मुंडा, बीरु कुमार, संतोष गुप्ता, सूरज गुप्ता, हेमंत कुमार आदि उपस्थित थे.
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