फुर्सत मिलते ही खेती-किसानी में जुटे विधायक
पद, सम्मान और पैसे पाकर कई लोग अपने पुराने दिनों को भूल जाते हैं. ऐसे लोग पुश्तैनी पेशे से भी दूर चले जाते हैं.
तोरपा. पद, सम्मान और पैसे पाकर कई लोग अपने पुराने दिनों को भूल जाते हैं. ऐसे लोग पुश्तैनी पेशे से भी दूर चले जाते हैं. पर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो पद-प्रतिष्ठा पाकर भी नहीं बदलते. ऐसे ही तोरपा के नवनिर्वाचित विधायक सुदीप गुड़िया हैं. विधायक बनने के बाद भी पुश्तैनी पेशे से विमुख नहीं हुए. फुर्सत मिलते ही खेती के काम में जुट जाते हैं. मंगलवार को विधायक अपने खेत में कुदाल से आलू की क्यारी ठीक किया. पटवन किया. सुदीप गुड़िया गरीब परिवार से आते हैं. एक समय था कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना भी परिवार के लिए कठिन था. आज भी विधायक के परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन कृषि है. पिता लुकस गुड़िया के साथ सुदीप गुड़िया भी खेतों में काम करते थे.
खेत और मवेशियों के साथ बीता है दिन :
विधायक सुदीप गुड़िया ने कहा कि गांव में खेती और मवेशियों के बीच ही उनका जीवन गुजरा है. पूरा परिवार खेती पर ही आश्रित है. ऐसे में इसको कैसे छोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि जब भी राजनीतिक कार्यों से फुर्सत मिलती है, खेतों में काम करने के लिए चले जाते हैं.किसानों के विकास के लिए करेंगे काम :
विधायक ने कहा कि खुद कृषक परिवार से आते हैं, इसलिए किसानों का दर्द समझते हैं. वह किसानों के विकास के काम करेंगे. उनका प्रयास होगा कि किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिले.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है