कलयुग में अमृतवाणी है श्रीमद्भागवत कथा : स्वामी दिव्यानंद
आर्ट ऑफ लिविंग परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के प्रथम दिन पूज्य स्वामी दिव्यानंद गिरि ने कहा कि कथा वही है, जिसमें ईश्वर से प्रेम हो.
आर्ट ऑफ लिविंग परिवार की ओर से श्रीमद् भागवत महापुराण कथा शुरू
खूंटी. आर्ट ऑफ लिविंग परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के प्रथम दिन पूज्य स्वामी दिव्यानंद गिरि ने कहा कि कथा वही है, जिसमें ईश्वर से प्रेम हो. कथा सुनने से भक्तों में श्री कृष्ण का ज्ञान वैराग्य भक्ति स्थापित हो जायेगी. उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा गुरु शिष्य संबंध भी है, जिसमें गुरुदेव सुखदेव जी महाराज अपने प्रिय शिष्य राजा परीक्षित को भगवान की कथा अमृत का पान कराते हुए उनके ह्रदय में भगवान की प्रेम भक्ति स्थापित की और उसे भगवान से मिला दिया, अर्थात आत्म ज्ञान करा दिया. ठाकुर जी की कथा सुनते-सुनते खुद से मिल जाना जो स्वयं से मिल जाता है उसे कभी अकेलापन नहीं सताता. श्रीमद् भागवत कथा असीम है.कथा आयोजन की विधि-व्यवस्था में आर्ट ऑफ लिविंग परिवार के मंजू देवी, मीनाक्षी सिन्हा, श्वेता भगत, रितिका लाल, ज्योति राय, शीला भगत, सक्रिय रहे. पहला दिन सुखदेव जी और राजा परीक्छित की झांकी निकाली गयी. कथा के मुख्य यजमान शकुंतला जायसवाल, मेहेंद्र जायसवाल, सिंधु भगत, कैलाश भगत, प्रमिला भगत, राजेंद्र भगत, अनीता लाल जददू लाल, संगीता राय, नंद राय, मनोरमा भगत, आशुतोष भगत, पुष्पा तिवारी, सिंपल मलिक ने भागवत पूजन और आरती की गयी.
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