जनजातीय और क्षेत्रीय नृत्य हमारे समाज की धरोहर
पंचपरगना किसान कॉलेज, बुंडू में आयोजित अंतर महाविद्यालय जनजातीय व क्षेत्रीय नृत्य महोत्सव सह प्रदर्शनी कार्यक्रम के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
पंच परगना किसान कॉलेज में अंतर महाविद्यालय जनजातीय व क्षेत्रीय नृत्य महोत्सव
प्रतिनिधि, बुंडूपंचपरगना किसान कॉलेज, बुंडू में आयोजित अंतर महाविद्यालय जनजातीय व क्षेत्रीय नृत्य महोत्सव सह प्रदर्शनी कार्यक्रम के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय छात्र कल्याण संकाय के अध्यक्ष डॉ सुदेश कुमार साहू ने कहा कि जनजातीय और क्षेत्रीय नृत्य हमारे समाज की धरोहर हैं, जो हमारी परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित रखते हैं. पंच परगनिया भाषा के विद्वान और झाड़ लिपि के जनक डॉ करमचंद्र आहिर, कुरमाली भाषा के मूर्धन्य कवि देवेन्द्र नाथ महतो और डॉ सत्यनारायण सिंह मुंडा ने अपने विचार रखे. दो दिवसीय कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय, रांची के विभिन्न कॉलेजों से आये प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. निर्णायक मंडली ने अवलोकन के बाद प्रथम स्थान मारवाड़ी कॉलेज रांची, द्वितीय स्थान पंच परगना किसान कॉलेज बुंडू और तृतीय स्थान स्नातकोत्तर कुरमाली विभाग, रांची विश्वविद्यालय को प्रदान किया गया.
कार्यक्रम में प्रिंसिपल डॉ बिनीता कुमारी, डॉ विजय लक्ष्मी, डॉ सुबोध कुमार शुक्ला, प्रो बीके तिवारी, डॉ भूतनाथ प्रमाणिक, प्रो डीके चौधरी, सुरेश कुमार गुप्ता, प्रो सुरेंद्र राम, प्रो धनसिंह महतो, डॉ विद्याधर मेहता, डॉ सुनील कुमार, डॉ सोनी कुमारी, प्रो रोहित कुमार चौबे, डॉ लखिंद्र मुंडा, प्रो सबरन सिंह मुंडा, प्रो महावीर सिंह मुंडा, डॉ वासुदेव महतो, प्रो कृष्णा सिंह मुंडा, प्रो अमित पातर, प्रो अशोक कुमार शर्मा, राजेंद्र महतो, संतोष कुमार जायसवाल, प्रो बीके शर्मा, डॉ जिनिया, डॉ जुगनू, डॉ तरित सांग, डॉ सुषमा उरांव, प्रो अमरेश कुमार सिंह, डॉ बरुण मंडल, डॉ रविकांत मेहता समेत कई शिक्षकेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राएं मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन डॉ सुमंत कुमार झा और संगीता जायसवाल ने किया. जबकि धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ आराधना तिवारी ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है