खूंटी
खूंटी व आसपास के गांवों में गुरुवार को धूमधाम से सरहुल मनायी गयी. इस अवसर पर अपने-अपने गांवों में सरना समुदाय के लोगों ने भगवान सिंगबोंगा की पूजा-पाठ कर और पुरखों को याद कर खुशहाली की कामना की. वहीं एक-दूसरे को सखुआ फूल देकर प्रेम और भाईचारा का संदेश दिया. महिलाएं अपने खोपा और पुरुष कानों में सखुआ फूल लगाये. बिरसा कॉलेज परिसर में आदिवासी छात्रों ने सामूहिक रूप से सरहुल मनाया. इस अवसर पर विधिवत पूजा-अर्चना कर पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य किया. वहीं सरहुल पूजा महासमिति के ने स्थानीय कचहरी मैदान से विशाल शोभायात्रा निकाली. इससे पहले विभिन्न गांव से लोग सखुआ फूल, सरना झंडा, अरवा चावल, जल लेकर पहुंचे. पहानों ने पूजा कर इस वर्ष मध्यम वर्षा होने का अनुमान लगाया. वहीं अच्छी खेती होने की भविष्यवाणी की. इसके बाद कचहरी मैदान से विशाल शोभायात्रा निकाली गयी. जो बाजार टांड़, भगत सिंह चौक, नेताजी चौक होकर गुजरी. इस दौरान शहीदों के प्रतिमाओं में सखुआ फूल अर्पित किया गया. शोभायात्रा कचहरी मैदान वापस आकर समाप्त हुई. इस अवसर पर धर्मगुरु बगराय मुंडा ने कहा कि सरहुल को प्रेम और भाईचारा के साथ मनाना चाहिए. सरहुल महोत्सव व शोभायात्रा को सरकार द्वारा घोषित छुट्टी के दिन ही सभी जगहों पर मनाया जाये, ताकि लोग सरकारी अवकाश से वंचित न हो. मौके पर धर्मगुरु सोमा कंडीर, सुगुन दास मुंडा, सुधा मुंडू, चंद्रप्रभात मुंडा, सनिका बोदरा, मथुरा कंडीर, सनिका टुटी, सुखराम पूर्ति, विश्राम टूटी, जमुना मुंडू, सिनु मुंडा, हिंदू मुंडा सहित अन्य उपस्थित थे.