बालू उठाव से नदियों का मिट रहा अस्तित्व

प्रखंड से गुजरने वाली कारो नदी, छाता नदी व तजना नदी का अस्तित्व सिमटता जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2024 9:43 PM

प्रतिनिधि, कर्रा प्रखंड से गुजरने वाली कारो नदी, छाता नदी व तजना नदी का अस्तित्व सिमटता जा रहा है. सभी नदियों का जल स्तर काफी नीचे चला गया है. वहीं कर्रा के कारो नदी, छाता नदी व तजना नदी से भारी मात्रा में बालू निकासी से कोसांबी, कासिरा, जोने, जबड़ा, घोरपिंडा, कांटी, सुनगी, पलसा से गुजरने वाली नदी अब नाला का रूप ले चुकी है. जिससे आसपास के गांव का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. वहीं कुदलुम, इट्ठे, हरूहप्पा और धनांमुजी गांव का क्षेत्र प्रभावित है. करीब आठ-दस साल पहले तजना नदी में सोने के कन जैसा चारों तरफ बालू ही बालू दिखाई देता था. नदी की चौड़ाई व जलस्तर को देख लोग यहां के लोग नदी पर गर्व करते थे. बालू माफियाओं की नजर तजना नदी पर पड़ते ही क्षेत्र के लिए बुरा दिन शुरू हो गया. लंबी-चौड़ी नदी एक नाले के रूप में बह रही है. कर्रा प्रखंड की सबसे विख्यात नदी में कारो नदी का नाम आता है. यह काफी लंबा-चौड़ी नदी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से नदी से भारी मात्रा में बालू के उठाव के कारण उसका अस्तित्व सिमटता जा रहा है. कारो नदी का जल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. जिससे नदी के किनारे पड़ने वाले गांव में जलस्तर नीचे चला गया है. खरतंगा गांव ग्रामीणों का कहना है पहले भी कारो नदी से बालू का उठाव होता था, लेकिन जरूरत भर लोग बालू लाते थे. पिछले दो तीन वर्षों से कारो नदी में जेसीबी मशीन से बालू निकाला जा रहा है. प्रशासन की कार्रवाई नाममात्र की होती है. खोखला हो रहा कारो नदी पर बना पुल : मुखिया बमरजा पंचायत के मुखिया अनुप कुजूर ने कहा कि कारो नदी से भारी मात्रा में बालू उठाव के कारण पूरे क्षेत्र का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. सरदुला पलसा से लापुंग प्रखंड के ककरिया जानेवाली सड़क में कारो नदी पर बना पुल भी नीचे से खोखला हो गया है. जो कभी गिर सकता है. बालू को लेकर घाट की बंदोबस्ती करने का प्रयास : उपायुक्त उपायुक्त लोकेश मिश्र ने कहा कि जिले में बालू के अवैध कारोबार को रोकने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पंचायतों में बालू घाट को वैध तरीके से बंदोबस्ती करने का प्रयास किया जा रहा है. अवैध रूप से बालू का उठाव रोकने के लिए माईनिंग टास्क फोर्स लगातार कार्रवाई कर रही है. अवैध रूप से बालू का उठाव रोकने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है.

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