प्रतिनिधि, खूंटी, संत मिखाइल महागिरजाघर में रविवार को सभी पुरोहितों का संरक्षक संघ संत जोन मारिया बियानी पर्व मनाया गया. इस अवसर पर सुबह महागिरजाघर परिसर में विशेष मिस्सा का आयोजन किया गया. जिसमें बिशप विनय कंडुलना ने संत जॉन मेरी बियानी के जीवनी पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि संत जॉन मेरी बियानी का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था. उनमें बचपन से ही सुंदर गुण थे. फ्रांस में फ्रांसीसी क्रांति के बाद चर्च बंद कर दिये गये थे. तब उन्होंने छिपकर परम प्रसाद ग्रहण किया. उन्हें बचपन से ही पुरोहित बनने का इच्छा था. वे एक दिन पुरोहित बने. फ्रांस के आर्स गांव में एक मृत प्रायः चर्च में उन्होंने पुरोहिताई शुरू किया. उनमें आत्मा को बचाने और चंगाई देने का जज्बा था. धीरे-धीरे उनसे पूरे फ्रांस और अन्य देशो के लोग प्रभावित हुये. बिशप ने बताया कि वे महान संत थे. उसने कहा था कि तुम वही करो जो ईश्वर को पसंद है. ईश्वर की योजना को जानो. उन्होंने कहा कि जो पापी है, उसे नहीं बतायेंगे तो वह मर जायेगा और नर्क जायेगा. इसका दोष आप पर भी लगेगा, क्योंकि आपने उसे सचेत नहीं किया. पुरोहित अपना काम नहीं करेंगे, लोगों को स्वर्ग जाने का रास्ता नहीं बतायेंगे तो पापी नरक चले जायेंगे. इसका उत्तरदायी तुम होगे. मौके पर फादर बिशु बेंजामिन आइंद, फादर अमृत, फादर लेवो, फादर अनुप, फादर विमल, फादर नेल्सन, फादर सुमन, फादर सुरेश समद, फादर बेनेदिक्त बारला, फादर मनीष, कैथोलिक सभा अध्यक्ष फ्रांसिस जेवियर बोदरा, अकनास कंडीर, फादर अमित सहित अन्य उपस्थित थे. फुटबॉल मैच का आयोजन : संत जॉन मारिया बियानी पर्व के अवसर पर फुटबॉल मैच का आयोजन किया गया. पहला मैच उर्सुलाइन फॉर्मेशन हाउस बनाम संत अन्ना इंफॉर्मेशन हाउस के बीच खेल गया. जिसमें उर्सुलाइन फॉर्मेशन हाउस 1-0 गोल से विजयी हुई. वहीं दूसरा मैच खूंटी युवा संघ और लोयोला हाई स्कूल हॉस्टल के बीच खेला गया. जिसमें खूंटी युवा संघ 1-0 से विजयी रही. अंतिम मैच फादर बनाम काथलिक सभा के बीच खेला गया. यह मैच एक-एक गोल के बराबरी पर समाप्त हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में फादर एलडी अल्फोंस, सुपीरियर सिस्टर दिव्या सहित सिस्टर जिंसी मैथ्यू, सिस्टर मंजू विद्या सोरेंग सहित अन्य उपस्थित थे.
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