तमाड़
राजबाड़ी मैदान ने शुक्रवार को राज परगनेत ने सरहुल महोत्सव का आयोजन किया. महोत्सव में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का पारंपरिक रीति-रिवाज से स्वागत किया गया. महोत्सव पर केंद्रीय मंत्री ढोल व नगाड़े की थाप पर जमकर थिरके. स्थानीय लोगों ने आदिवासी परंपरा के तहत वस्त्र धारण कर मुंडारी गीत पर अदभुत नृत्य का प्रदर्शन कर उपस्थित लोगों को थिरकने पर विवश कर दिया. श्रभ्मुं डा ने कहा की सरहुल महोत्सव हमारी पौराणिक संस्कृति को दर्शाता है. जरूरत है हमें इसे संजोने की. यह पर्व हमें प्रकृति के महत्व को समझाता है. तमाड़ परगनेत अध्यक्ष कुमार महेंद्रनाथ शाहदेव ने कहा की सरहुल आदिवासी समाज का पारंपरिक पर्व है. यह पर्व आदिवासी समाज द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी मनाते आ रहे हैं. आज के इस आधुनिक युग में इस पर्व को बचाये रखना हम सभी का परम कर्तव्य है. इसमें युवाओं की भूमिका अहम होगी. शिक्षाविद गुंजल इकिर मुंडा ने कहा की हमें गर्व है कि हम प्रकृति के उपासक हैं. हमारा धर्म अति प्राचीन एवं विज्ञान पर आधारित है. हमारा आदिवासी धर्म दर्शन सर्वोत्तम है. हमारी धार्मिक, समाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक मान्यताएं तथा परंपराएं प्रकृति के नियमानुसार बने हैं. मौके पर गोलक दास अधिकारी, विमल पातर, रीता मुंडा, जिप सदस्य विजय सिंह मानकी, जगदीश गुप्ता, आलोक दास आदि मौजूद थे.