सभी पर्यटन स्थलों की सुरक्षा जरूरी
जिला पर्यटन समिति की समीक्षा बैठक में उपायुक्त ने कहा
प्रतिनिधि, खूंटी जिला पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक बुधवार को उपायुक्त लोकेश मिश्र की अध्यक्षता में हुई. इसमें जिले के पर्यटक स्थलों के सौंदर्यीकरण व पर्यटकों को प्राप्त सुविधा संबंधी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया. जिला पर्यटन पदाधिकारी मीनाक्षी भगत ने बताया गया कि जिला अंतर्गत विभिन्न पर्यटक क्षेत्रों का रख-रखाव व सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्था की जानी है. पर्यटन क्षेत्रों में रोड डायरेक्शन साइनेज व प्रवेश द्वार लगाया जायेगा. डोंबारी बुरु में पीने का पानी व शौचालय की नवीकरण की आवश्यकता है. पेरवांघाघ जलप्रपात तक जानेवाली पहुंच पथ की स्थिति के संबंध में चर्चा की गयी. वहीं रीमिक्स जलप्रपात तक जाने वाले पहुंच पथ के साथ शौचालय, बैठने की जगह का निर्माण सहित सौंदर्यीकरण कार्यों की तत्काल आवश्यकता है. रानी फॉल में शौचालय, बैठने की जगह, चिल्ड्रेन पार्क व विश्राम आश्रय का तत्काल नवीकरण की जरूरत पर जोर दिया. पंचघाघ जलप्रपात में मौजूद शौचालय का नवीकरण और सोलर लाइट की तत्काल मरम्मत की जरूरत बतायी. वन पट्टा वितरण और राजस्व को लेकर बैठक : वन पट्टा वितरण व राजस्व संबंधी बैठक में उपायुक्त लोकेश मिश्र ने वन पट्टा वितरण, ऑनलाइन दाखिल खारिज के मामले, सक्सेशन, म्यूटेशन, भू-हस्तांतरण सहित अन्य विषयों पर बिंदुवार समीक्षा की. उन्होंने वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत अधिकारियों को सभी ग्रामों में एफआरसी का गठन कर पुराने दावों का निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. कहा कि मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए संबंधित अधिकारियों व कर्मियों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा. म्यूटेशन संबंधी मामलों की समीक्षा करते हुए सभी अंचल अधिकारियों को निष्पादन योग्य मामलों का तय समय सीमा में निबटारा करने के निर्देश दिये. लैंड डिमार्केशन, सक्सेशन पार्टिशन/म्यूटेशन आदि की अंचलवार समीक्षा करते हुए भी उपायुक्त ने लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी लाने को कहा. बैठक में उपायुक्त ने भूमि की अनियमित/अवैध जमाबंदी को नियमित/रद्द करने से संबंधी मामलों की समीक्षा की. डिजीटल क्रॉप सर्वे को लेकर प्रशिक्षण संयुक्त कृषि भवन के आत्मा सभागार में बुधवार को डिजीटल क्राप सर्वे (फसल सर्वेक्षण) को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस सर्वेक्षण के माध्यम से जिले के सभी किसानों की फसलों का सर्वेक्षण किया जाएगा.उक्त सर्वेक्षण द्वारा इस तथ्य का पता चल सकेगा कि जिले में वास्तविक रूप से किन फसलों का कितना रकबा है. कितनी मात्रा में खाद और बीज की आवश्यकता होगी, इस बात की भी जानकारी मिलेगी. खेती कार्य में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसकी भी जानकारी होगी. उक्त सर्वेक्षण कार्य मोबाइल एप्प के माध्यम से किया जाएगा. मौके पर प्रशिक्षण में आत्मा के परियोजना उपनिदेशक अमरेश कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.
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