कृषि विज्ञान केंद्र में विश्व मृदा दिवस पर गोष्ठी
कृषि विज्ञान केंद्र तोरपा में विश्व मृदा दिवस पर गुरुवार को जागरूकता सह गोष्ठी आयोजित की गयी. जिसका थीम मृदा की देखभाल, मापन, निगरानी करना और प्रबंधन करना था.
प्रतिनिधि, तोरपा : कृषि विज्ञान केंद्र तोरपा में विश्व मृदा दिवस पर गुरुवार को जागरूकता सह गोष्ठी आयोजित की गयी. जिसका थीम मृदा की देखभाल, मापन, निगरानी करना और प्रबंधन करना था. गोष्ठी में वैज्ञानिक डॉ बृजराज शर्मा (कृषि प्रसार) ने किसानों को विश्व मृदा दिवस की बधाई दी. बताया कि थाइलैंड के राजा एचएम भूमिबोल एदल्यादेज के जन्मदिन से मेल खाता है, जिन्होंने सर्वप्रथम इस कार्यक्रम को मंजूरी दी. उन्होंने बताया कि किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता बनाये रखना के लिए प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना आवश्यक है. डॉ किशोर ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व को बताया. कार्ड के द्वारा विभिन्न पोषक तत्वों की जानकारी व फसल के चयन के बारे में जानकारी दी. डॉ ओम प्रकाश कांटवा ने कहा कि मृदा से मानव जीवन वैसे ही जुड़ा है, जैसे मछली जल से जुड़ी है. अगर जल की गुणवत्ता को हानि होती है तो उसका सीधा प्रभाव मछलियों के स्वास्थ्य व जीवन पर पड़ता है, ठीक उसी तरह हमारा देश, राज्य, नगर, गांव तथा खेत खलिहान की मृदा की गुणवत्ता का हम खयाल नहीं रखेंगे तो उसका सबसे बड़ा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ेगा. डॉ प्रदीप कुमार, डॉ. निखिल राज एम, डॉ मीर मुनीब रफीक व आशुतोष प्रभात ने भी कार्यक्रम में अपने-अपने विचार दिये. उन्होंने मौजूदा कृषि नीति के बारे में विस्तार से बताया और किसानों को अपनी खेत की मृदा को संरक्षित करनें के विभिन्न उपायों की जानकारी दी.
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