खेती कार्य में सौर ऊर्जा बेहतर विकल्प
ऊर्जा संरक्षण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
प्रतिनिधि, तोरपा भारत ने पिछले कुछ वर्षों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किये हैं. यही कारण है कि कृषि कार्यों में सौर पंप का उपयोग किया जा रहा है. उक्त बातें कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष सह वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ दीपक राय ने बुधवार को कृषि क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण विषय पर आयोजित एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही. उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा बचत पर ध्यान देना होगा. खेती व घरेलू उपयोग में भी ऊर्जा की बचत पर काम करना होगा. कहा कि अधिकांश कृषि मशीनें जीवाश्म ईंधन से संचालित होती है. जो ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में योगदान करती हैं. जिससे जलवायु परिवर्तन तेजी से होता है. सौर, पवन, बायोमास, ज्वारीय, भू-तापीय, छोटे पैमाने पर जल विद्युत, जैव ईंधन व तरंग जनित ऊर्जा जैसे नवीकरणीय संसाधनों को बढ़ावा देकर पर्यावरण के नुकसान को कम किया जा सकता है. प्रमुख रोहित सुरीन ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण व जलवायु परिवर्तन के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. उन्होंने सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही. जेरेडा रांची के वरिष्ठ कंसल्टेंट प्रभाकर झा ने किसानों को विस्तृत रूप से लाइव वीडियो दिखा कर सौर ऊर्जा के विषय में बताया. ऊर्जा बचत के लिए किसानों से नये तकनीक अपनाकर खेती करने की बात कही. उन्होंने पीएम कुसुम योजना, गोवर्धन योजना आदि की विस्तृत जानकारी दी. जागरूकता कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र तोरपा में विद्युत मंत्रालय भारत सरकार व झारखंड नवीकरण ऊर्जा विकास एजेंसी ने संयुक्त रूप से आयोजित की. केंद्र के वैज्ञानिक डॉ राजन चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम में ब्रिजराज शर्मा, प्रदीप कुमार, ओम प्रकाश, आशुतोष प्रभात समेत 60 किसान उपस्थित थे.
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