जनजातीयए वं क्षेत्रीय भाषा पर सर्वेक्षण प्रशिक्षण
प्रशिक्षण में बीपीओ मनमोहन साहू ने कहा कि जिस राज्य में प्राथमिक कक्षाओं में छात्रों को अपनी मातृभाषा में शिक्षा दी जाती है, वहां साक्षरता दर अधिक है.
प्रतिनिधि, कर्रा कर्रा प्लस टू हाई स्कूल सभागार में शुक्रवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तहत प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के द्वारा जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा पर शिक्षकों को एकदिवसीय सर्वेक्षण प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण में बीपीओ मनमोहन साहू ने कहा कि जिस राज्य में प्राथमिक कक्षाओं में छात्रों को अपनी मातृभाषा में शिक्षा दी जाती है, वहां साक्षरता दर अधिक है. जब कोई बच्चा घर से पहली बार विद्यालय जाता है और उसे उसी की भाषा में बात की जाये तो उसे अपनेपन का बोध होता है. वह विद्यालय में भी अपने घर जैसा महसूस करता है. जिससे उसे सीखने में आसानी होती है और जल्दी हीं वह बच्चा सीख जाता है. नयी शिक्षा नीति में भी प्राथमिक विद्यालय में छात्रों को उनकी मातृभाषा में ही शिक्षा देने की बात कही गयी है. उन्होंने बताया कि संविधान के आर्टिकल 350 में प्राथमिक कक्षाओं में मातृभाषा में शिक्षा देने की बात कही गयी है. आज के इस प्रशिक्षण में सभी शिक्षकों को बताया गया है आप अपने स्तर से जांचोपरांत संतुष्ट होने के बाद हीं भरा हुआ सर्वेक्षण प्रपत्र 22 मई को प्रखंड कार्यालय में जमा करें. उन्होंने बताया कि कम-से-कम 10 जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा जाननेवाला छात्र होगा तो उस विद्यालय में घंटी आधारित शिक्षक नियुक्त किये जायेंगे. विद्यालय के प्रधानाध्यापक के द्वारा भरा गया डेटा को संबंधित संकुल के संकुल साधन सेवी सत्यापन करेंगे. उसके बाद ही प्रतिवेदन प्रखंड स्तरीय समिति से अनुमोदन के बाद जिला कार्यालय को उपलब्ध कराया जायेगा. प्रशिक्षण में प्रखंड के सभी 172 विद्यालय प्रभारी, प्रखंड साधन सेवी एवं संकुल साधन सेवी उपस्थित थे.
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