सुख और दु:ख एक ही सिक्के के दो पहलू, घबराना नहीं : कृष्णजी महाराज

महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा में सात दिवसीय ध्यानाभ्यास और सत्संग कार्यक्रम का समापन रविवार को किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 6, 2024 5:34 PM
an image

महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा में ध्यानाभ्यास और सत्संग कार्यक्रम का समापन प्रतिनिधि, खूंटी महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा में सात दिवसीय ध्यानाभ्यास और सत्संग कार्यक्रम का समापन रविवार को किया गया. कार्यक्रम में बंदगांव, खूंटी, मुरहू के आसपास के श्रद्धालु उपस्थित थे. अपने प्रवचन में भागलपुर कुप्पाघाट आश्रम के स्वामी सुंदर कृष्ण जी महाराज ने कहा कि बिना भक्ति के मानव को सुख-शांति समृद्धि नहीं मिल सकती. उन्होंने कहा कि गुरु शब्द ईश्वर का ही पर्यायवाची है. गुरु मनुष्य के रुप में भगवान होते हैं. श्री कृष्णा जी ने कहा कि हमें सदा नशा, हिंसा सहित अन्य सभी बुराइयों से बचना चाहिए, उन्होंने कहा कि सुख-दुःख से घबड़ाना नहीं है. हिम्मत और धैर्य रखकर सद्कर्म और ईश्वर भक्ति करें. लोदरो बाब, महेंद्र ब्रह्मचारी, दिगंबर दास, संजय कुमार ने भी गुरु सत्संग और भक्ति की बात बतायी. मंगल सिंह मुंडा ने संचालन किया. मौके पर डॉ डीएन तिवारी, जगन्नाथ मुंडा, मुचीराय मुंडा, कांडे मुंडा, बिष्णु मुंडा, रासबिहारी मुंडा, रामहरि साव, नंदिनी देवी, जगमोहन फुर्ती, सुखराम मुंडा, देवमन पुर्ती, बसंत कुमार, बीरु कुमार, सुनील रजक, सूरजमल प्रसाद, रामा साव, धर्मेंद्र ठाकुर आदि उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version