खूंटी. महर्षि मेंही आश्रम मलियादा मुरहू में कुप्पाघाट भागलपुर के संत स्वामी डाॅ निर्मलानंद जी महाराज के सानिध्य में तीन दिवसीय सत्संग का आयोजन किया गया. जिसका समापन रविवार को धूमधाम से किया गया. सत्संग कार्यक्रम में स्वामी निर्मलानंद जी महाराज ने कहा कि हम सभी एक ही ईश्वर के संतान हैं. सरना और सनातन दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. मंदिर व गुरुद्वाराें में मानव जीवन को कल्याणकारी बनाने की बात बतायी जाती हैं. सत्संग श्रवण से जीवन के सभी दुःखों व समस्याओं का अंत हो जाता है. मनुष्य की उपादेयता सदग्रंथों में वर्णित हैं. कहा कि एक सूरदास प्रतिदिन मंदिर भगवान के दर्शन करने जाते थे, जिसे लोगों ने उन्हें टोका कि आप तो देख नहीं सकते, तो सूरदास ने कहा कि माना मैं अंधा हूं, पर परमात्मा तो हमें देख सकते हैं. स्वामी लक्ष्मण जी महाराज ने कहा कि सत्संग से संस्कार जागृत होता है. जिससे हमारा जीवन भक्तिमय और सुखमय बन जाता है. स्वामी अखिलेश बाबा ने कहा कि गुरु मंत्र का जप तथा ध्यान भजन और सत्संग नियमित करना चाहिए. लोदरो लाहिरी बाबा ने कहा कि बड़े भाग्य होते हैं, तब सद्गुरु और सत्संग मिलता है. दिगंबर बाबा ने भी सत्संग को धरती पर परमात्मा दर्शन का मार्ग बताया. कार्यक्रम में भंडारा का भी आयोजन किया गया. मौके पर डॉ डीएन तिवारी, मुरलीधर ब्रह्मचारी, संजय कुमार, नंदिनी देवी, सुनीता कुमारी, सुखराम मुंडा, बसंत कुमार, रामहरि साव, भावानंद यादव, हरिद्वार ठाकुर, धर्मेंद्र ठाकुर, सुनील रजक, सूरजमल साव, बीरु कुमार, मुचिराय मुंडा, कांडे मुंडा, जगमोहन पूर्ति, देवमन पूर्ति, सुबोध कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.
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