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World Sickle Cell Day 2024: झारखंड में सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को पहली बार पेंशन, आजीवन हर महीने मिलेंगे एक हजार रुपए

World Sickle Cell Day 2024: सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को पहली बार पेंशन दी जा रही है. इनका बेहतर स्वास्थ्य राज्य सरकार एवं खूंटी जिला प्रशासन की प्राथमिकता है. सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित कुल 9 मरीजों के लिए स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के तहत पेंशन की स्वीकृति दी गयी है.

World Sickle Cell Day 2024: खूंटी-सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को पहली बार पेंशन दी जा रही है. इसके तहत उन्हें आजीवन हर महीने 1000 रुपए दिए जाएंगे. स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के तहत ये राशि इन्हें उपलब्ध करायी जा रही है. खूंटी के उपायुक्त लोकेश मिश्रा की पहल पर पहले चरण में कुल 9 मरीजों को ये राशि दी जा रही है.

खूंटी जिला प्रशासन ने की है पहल


उपायुक्त लोकेश मिश्रा की पहल पर खूंटी जिले में पहली बार सिकेल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीज को जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के तहत पेंशन की स्वीकृति दी गयी है. पहले चरण में खूंटी प्रखंड के 3, कर्रा के 3, मुरहू के 2 और तोरपा के 1 यानी कुल नौ मरीज शामिल हैं. इस योजना के तहत हर महीने 1000 रुपए की राशि लाभुकों को आजीवन दी जाएगी. भविष्य में यदि सिकेल सेल एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति की पहचान होती है तो उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा.

खूंटी में 99165 की सिकल सेल स्क्रीनिंग


खूंटी जिले में अब तक कुल 99165 व्यक्तियों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की गयी है. इनमें से कुल 114 सिकल सेल के Carrier पाए गए एवं कुल 46 व्यक्ति सिकल सेल एनीमिया-थेलेसीमिया रोग से ग्रसित पाए गए. इनमें से 9 व्यक्ति 40 प्रतिशत व इससे अधिक सिकल सेल एनीमिया-थेलेसीमिया रोग से ग्रसित हैं. उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के तहत पेंशन दी जा रही है.

सिकल सेल एनीमिया को लेकर जागरूकता की जरूरत


वर्तमान समय में जहां एक ओर स्वास्थ्य सुविधाओं से लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर जनजातीय आबादी विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है. इनमें सिकल सेल एनीमिया के संबंध में लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है. यह एक वंशानुगत रक्त संबंधी रोग है. ये विकारों का एक समूह है जो हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रभावित करता है. गंभीर एनीमिया, पीलिया, विकास में देरी और संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है. सिकल सेल एनीमिया एक गंभीर रोग है, जिसके उपायों और उपचार की जानकारी सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है.

खूंटी सदर अस्पताल में ये हैं सुविधाएं


खूंटी जिले के सभी प्रखंडों में सिकल सेल एनीमिया-थेलेसीमिया स्क्रीनिंग/ जांच शिविर का आयोजन किया गया था. जिला स्तर से सिकल सेल मोबाइल मेडिकल वैन के द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जा रही है. खूंटी सदर अस्पताल में सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित व्यक्तियों को समुचित चिकित्सकीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सिकल सेल एनीमिया-थेलेसीमिया डे केयर सेंटर का संचालन किया जा रहा है. इसमें सिकल सेल एनीमिया-थेलेसीमिया से ग्रसित हर माह करीब 15 व्यक्तियों को निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श, उपचार, दवा एवं खून उपलब्ध कराया जा रहा है.

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