कोडरमा विधायक ने 35 हजार गैरमजरूआ भूमि मामले को उठाया सदन में, सरकार से की ये मांग
कोडरमा विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि इसमें सैकड़ों खाते प्लाट ऐसे भी हैं, जिसमें पूर्व के जमींदारों द्वारा रिटर्न भी दाखिल है. साथ ही रैयती जमीन को भी इसमें शामिल कर दिया गया है
कोडरमा : विधायक डॉ नीरा यादव ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में कोडरमा के 35 हजार गैरमजरूआ जमीन के क्रय-विक्रय पर लगी रोक का मामला उठाया. उन्होंने सदन को बताया कि वर्ष 2011 में कोडरमा के तत्कालीन उपायुक्त द्वारा बिना कोई वैधानिक प्रतिवेदन के तथा बिना कोई जांच किये एक निर्देश जारी कर जिले के 35 हजार एकड़ गैरमजरूआ खास भूमि की खरीद-बिक्री, रसीद निर्गत, लीज अथवा बैंक में गिरवी रखने पर रोक लगा दी गयी थी. इस कारण जिले का हजारों परिवार प्रभावित हो गया है, जबकि रोक लगाये गये भूमि की प्रकृति पूर्व के जमींदारों द्वारा जमींदारी प्रथा खत्म होने के बाद रिटर्न दाखिल नहीं करने का है.
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि इसमें सैकड़ों खाते प्लाट ऐसे भी हैं, जिसमें पूर्व के जमींदारों द्वारा रिटर्न भी दाखिल है़. साथ ही रैयती जमीन को भी इसमें शामिल कर दिया गया है उन्होंने कहा कि आज तक तत्कालीन उपायुक्त के उक्त आदेश और बाद में सरकार के विभिन्न आदेशों में भी ऐसे मामलों में संदिग्ध जमाबंदी का वाद खोल कर उक्त आदेश से प्रभावित लोगों के मामलों को निरस्त करने को कहा गया है. परंतु वर्तमान समय में जिला प्रशासन और संबंध अंचल से ऐसे मामलों पर ध्यान नहीं दिया जाना उन प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना शून्यता प्रतीत होता है़ विधायक ने सरकार से एक समिति का गठन कर मामले का निष्पादन करने और प्रभावित परिवारों को समुचित न्याय देने की मांग की है.
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