कच्छप गति से चल रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

कोडरमा बाजार: कोडरमा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिले में कच्छप (कछुए) गति से चल रही है. यदि बीमा की गति इस तरह रही, तो शायद ही लक्ष्य पूरा हो सकेगा. विभागीय आंकड़ों के अनुसार 22 जून से शुरू हुई यह योजना 31 जुलाई तक जिले के 55 हजार किसानों के 6475.11 एकड़ भूमि में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2017 1:13 PM
कोडरमा बाजार: कोडरमा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिले में कच्छप (कछुए) गति से चल रही है. यदि बीमा की गति इस तरह रही, तो शायद ही लक्ष्य पूरा हो सकेगा. विभागीय आंकड़ों के अनुसार 22 जून से शुरू हुई यह योजना 31 जुलाई तक जिले के 55 हजार किसानों के 6475.11 एकड़ भूमि में खरीफ फसलों का बीमा करने का लक्ष्य निर्धारित है, परंतु 18 जुलाई तक मात्र 23,631 किसानों के 4200 एकड़ में लगी फसलों का ही बीमा हो पाया है. समय सीमा पूरा होने में महज 10 दिन बचे हुए हैं. ऐसे में शेष बचे 31,369 किसानों को इतने कम दिनों में कैसे बीमा का लाभ दिया जा सकता है. इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
विषम परिस्थिति में फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए किसानों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण योजना है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना. इसके तहत किसानों की खरीफ फसल का बीमा किया जाना है, जिसमें जिले के 50 फीसदी सहकारिता व शेष 50 फीसदी किसानों के फसलों का बीमा करने की जिम्मेवारी कृषि विभाग को दी गयी है. योजना अंतर्गत धान की फसल में प्रति एकड़ 436 रुपये जबकि मकई प्रति एकड़ 355 रुपये किसानों से उनके फसल का बीमा किया जाना है. इसमें धान के बीमित राशि 21781 व मकई का बीमित राशि 17746 रुपये प्रति एकड़ है. इस हिसाब से क्षतिपूर्ति की राशि दिये जाने का प्रावधान है.
बेहतर फसल के आच्छादन होने के आसार
जिला कृषि पदाधिकारी ललितेश्वर प्रसाद ने बताया कि जून माह में सामान्य वर्षा 165 की जगह 60.08 मिमी और जुलाई माह में 323.07 की जगह बुधवार तक 184.78 मिमी बारिश हुई है. अनुमान है कि जुलाई माह में पर्याप्त बारिश होगी. यदि बारिश हुई तो इस बार बेहतर फसल का उत्पादन होगा.
धान बीज वितरण में अनदेखी
पैक्सों में पड़े हैं 337 क्विंटल धान : जिले में जो हाल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की है, वैसी ही स्थिति पैक्सों के माध्यम से 50 फीसदी अनुदान पर दिये जानेवाले धान बीज की नजर आती है. कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों की हम बात करें, तो इस वर्ष 16 हजार हेक्टेयर भूमि में धान उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है. किसानों को धान की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार ने इस वर्ष 1945.80 क्विंटल धान किसानों के बीच 50 फीसदी बतौर अनुदान पर वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. हालांकि लक्ष्य से कम यानी मात्र 1545.80 क्विंटल धान बीज ही जिले को आवंटित किया गया था. इसके बावजूद पैक्सों के माध्यम से मात्र 1208.80 क्विंटल धान किसानों को दिया गया. शेष 337 क्विंटल धान बीज अभी भी जिले के विभिन्न पैक्सों में पड़े हुए है, जबकि फिलवक्त जिले के कई क्षेत्रों के खेतों में धान के बिचड़े तैयार हैं. जाहिर है अब बचे धान बीज को कृषकों के बीच बांटा नहीं जा सकता. पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी ललितेश्वर प्रसाद ने बताया कि उक्त धान बीज किसानों के बीच आधे दाम में बेचना था. यदि किसान लक्ष्य के अनुरूप क्रय नहीं करेंगे, तो स्वाभाविक रूप से धान बीज बचेगा. उन्होंने बताया कि विशेष फसल योजना के तहत प्राप्त आवंटन अन्य बीजों का वितरण भी किसानों के बीच किया गया है. इसमें तिल का बीज 2.10 क्विंटल, सोयाबीन 16.80 क्विंटल, मूंगफली 40.3 क्विंटल का वितरण शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मकई बीज वितरण अभी नहीं हुआ है. विभाग से प्राप्त होने के बाद इसका वितरण किया जायेगा. साथ ही मकई फसल का बीमा भी इस दौरान किया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version