हालांकि, टीम अस्पताल को पूरी तरह सील नहीं कर पायी. टीम ने बाजार रोड में संचालित इस अस्पताल के तीन कमरा, जिसमें ओपीडी, लेबर रूप व ऑपरेशन थियेटर संचालित हो रहा था, उसे सील कर दिया. अस्पताल प्रबंधन द्वारा संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील करने की कार्रवाई नहीं की जा सकी. यही नहीं पूरी कार्रवाई के दौरान प्रबंधक अलग-अलक तर्क देते नजर आये. जानकारी के अनुसार गत 29 अगस्त को डीसी संजीव कुमार बेसरा के निर्देश पर क्लिनिकल एस्टीबलीशमेंट एक्ट के अनुपालन को लेकर गठित जांच दल ने अपोलो हेल्थ केयर में जांच की थी. इस दौरान यहां बिना डाॅक्टर की मौजूदगी के मरीजों का इलाज किये जाने व एक महिला का गर्भपात कराये जाने की बात सामने आयी थी. यही नहीं टीम ने जांच के दौरान पाया कि संचालक भगवान प्रसाद अधिकतर मरीजों का इलाज स्वयं करते हैं. जांच टीम ने मिली कई गड़बड़ियों का अपनी रिपोर्ट में जिक्र करते हुए डीसी को जानकारी दी थी.
गत दिन स्वास्थ्य समिति की बैठक में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद डीसी ने इस क्लिनिक को एस्टीबलीशमेंट एक्ट के तहत तत्काल सील करने का निर्देश दिया था. साथ ही अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील करने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई का निर्देश सीएस को दिया गया था, पर गुरुवार को जब टीम यहां पहुंची, तो अस्पताल के कुछ कमरों को सील किया गया. सीएस डाॅ बीपी चौरसिया ने संचालक को एक्सरे व अल्ट्रासाउंड सेंटर से संबंधित कागजात लेकर तलब किया है. उन्होंने कहा कि लोगों को सही से स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है.
जांच व इसके बाद मिल रही गड़बड़ी को लेकर हो रही कार्रवाई इसी का हिस्सा है. सीएस के अनुसार नियमत: संचालित होने वाले क्लिनिक संचालकों को डरने की जरूरत नहीं है. सील करने की कार्रवाई में वरीय पदाधिकारी के रूप में मौजूद एसडीओ प्रभात कुमार बरदियार ने बताया कि यह क्लिनिक नियम से नहीं चल रहा था. अस्पताल नियम से चले और गरीबों को सुविधा मिले इसके लिए काम हो रहा है. सील करने की प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा रही. लोगों ने कार्रवाई का हल्का विरोध भी किया. मौके पर मौजूद झाविमो नेता गणेश दास ने कहा कि प्रशासन की इस कार्रवाई पर आपत्ति नहीं है, लेकिन प्रशासन पहले सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करे. साथ ही उन्होंने सरकार से सरकारी डाॅक्टरों के निजी प्रैक्टिस करने पर रोक लगाने की मांग की. कार्रवाई के दौरान डोमचांच थाना के एसआइ शंभूनाथ मिश्रा भी मौजूद थे.