झुमरीतिलैया: गायत्री शक्तिपीठ के प्रांगण में गुरुवार को शारदीय नवरात्र के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा हुई. वहीं शाम में मां का शृंगार, महाआरती व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. शृंगार व सम्मान समारोह का आयोजन गायत्री शक्तिपीठ की महिला मंडल के सौजन्य से किया गया था. मौके पर शक्तिपीठ के परिव्राजक नकुल प्रसाद ने कहा कि आरती आर्त भाव से की गयी मां की प्रार्थना है. जो अंतर हृदय से माता को पुकारता है, माता उनकी हर मनोकामना पूर्ण करती है.
मां महास्वरूप नारी स्वरूप है. अतः माताओं-बहनों को भी मां के स्वरूप में चलना चाहिए. अपनी संस्कृति के अनुकूल वस्त्र धारण करना चाहिए, ताकि हमारी संस्कृति सुरक्षित रह सके. सम्मान समारोह में पूर्व मुख्य ट्रस्टी व ट्रस्टी को सम्मानित किया गया. पूर्व मुख्य ट्रस्टी श्याम सुंदर प्रसाद ने कहा कि मैं 1985 से मां गायत्री की सेवा में लीन हूं. बीच-बीच में ट्रस्टी परिवर्तन होते हैं. 2013 में ट्रस्ट परिवर्तन हुआ, जिसके बाद मुख्य ट्रस्टी का भार अर्जुन राणा को सौंपा गया. तब से वे मुख्य ट्रस्टी का भार बखूबी संभाल रहे हैं.
मुझे सम्मानित करने के लिए मैं गायत्री परिवार को धन्यवाद देता हूं. सूक्ष्म रूप से उपस्थित गुरुदेव व माता जी का अभिनंदन करता हूं. वहीं 2008 से 2013 तक ट्रस्टी का भार संभालने वाली लीलावती मेहता ने कहा कि इस सम्मान से उन्हें काफी खुशी हूं. इसके लिए मैं महिला मंडल को बहुत धन्यवाद देती हूं और इनके द्वारा किये जा रहे कार्यक्रमों में हमारा सहयोग हमेशा रहता है और रहेगा. उन्होंने कहा कि माता जी और गुरु जी की कृपा हम सभी पर हमेशा बनी रही है. इसके के लिए मैं उनके शरण में हमेशा नतमस्तक रहूंगी. कार्यक्रम में मुख्य ट्रस्टी अर्जुन राणा सुनीता सिंह, नवरंग राम सहित सैकड़ों गायत्री परिवार के महिलाएं उपस्थित थी.